अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार होने का भाजपाई भरपूर फायदा उठा रहे हैं। इनके राजनैतिक रसूख के आगे सारे नियम व कानून बौने साबित हो रहे हैं। इस का ताजा उदाहरण एक बुजुर्ग पीडित किसान है, जो लगभग 6 सालों से न्याय पाने के लिये अधिकारियों के चक्कर काट रहा है लेकिन उसे कहीं से भी मदद नहीं मिल रही है। मामला चूंकी भाजपा नेताओं के एक करीबी से जुड़ा हुआ है इसलिए जहां भी शिकायत होती है वहीं उसे दबाने का प्रयास शुरू हो जाता है।प्राप्त जानकारी के अनुसार बिंद्रावन लिटोरिया पुत्र हर प्रशाद काली मंदिर के पीछे टीला जमाल पुरा भोपाल निवासी की भूमि ग्राम महुआ खेडा पटवारी हल्का नम्बर 10 तहसील सांची जिला रायसेन में है। पीडित किसान ने NIT सावंददाता से बात चीत में बताया कि 10-08-2011 को जब मैने अपनी भूमि खसरा संख्या 23/1/1, 23/1/2, 23/1/3 का सीमांकन करवाया तो पता चला की मेरी भूमि पर ओमकार सिंह पुत्र मुंशी लाल निवासी ग्राम अमवाड़ी तहसील सांची जिला रायसेन 1.05 एकड़ भूमि पर कब्ज़ा करके अवैध उत्खनन कर मिट्टी तीसरी रेलवे लाइन का निर्माण कर रहे ठेकेदार को बेच दी है। 26-10-2015 को न्यायालय अनुभागीय अधिकारी द्वारा तहसीलदार सांची को आदेश दिया गया कि आवेदक की भूमि से अवैध कब्ज़ा धारियों को हटा कर उसको कब्ज़ा दिलाया जाये, लेकिन इस आदेश को तहसीलदार महोदय द्वारा नकार दिया गया। पीडित किसान ने न्याय ना मिलता देखकर आयुक्त भोपाल द्वारा आयोजित की गयी 24-01-2017 तथा 25-02-2017 की जन सुनवाई का रुख किया लेकिन वहां से भी कुछ हाथ नहीं लगा। पीडित किसान हार न मानते हुये 27-03-2017 को कलेक्टर भू अभिलेख जिला रायसेन की जन सुनवाई में इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी न्याय न मिलता देख कर 28-03-2017 को मध्य प्रदेश राजस्व विभाग मंत्रालय को आवेदन दे कर कार्यवाही की मांग की, लेकिन वहां से भी सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी। आखिरकार पीडित किसान ने 29-03-2017 को सीएम हेल्प लाइन क्रमांक 181 में भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन वहां से भी टूटे हुये तिनके को कोई सहारा नहीं मिला। पीडित किसान ने तो यहां तक आरोप लगाया है कि तहसीलदार मुझ से 50,000 रूपये रिश्वत मांग रहे हैं लेकिन जब मैने उन्हें बताया कि मैं एक गरीब किसान हूं, इतने रूपये कहां से लाउंगा तो उन्हों ने नक्शे में हेरा फेरी करवा के मेरी भूमि ही कम करा दी। पीडित किसान लगभग 6 सालों से न्याय पाने के लिये अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे कहीं से मदद नहीं मिल रही है।
मामला चूंकी भाजपा नेताओं के एक करीबी से जुड़ा हुआ है इस लिये जहां भी शिकायत होती है वहीं उसे दबाने का प्रयास शुरू हो जाता है। क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी इस गरीब किसान को न्याय दिलाने का कष्ट करेंगे???
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