फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में शिक्षा क्षेत्र में अलख जगाने वाले व रुपईडीहा कस्बा के वयोवृद्ध शिक्षाविद प्रोफ़ेसर पंडित राधेश्याम पांडेय जी की लंबी बीमारी के कारण बीती रात निधन हो गया, वें 95 वर्ष के थे। उनके अंतिम दर्शन के लिए नेपालगंज व अन्य स्थानों से भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इनके पार्थिक शरीर को कल सुबह रुपईडीहा कस्बे से उसके परिजन, रिश्तेदार व अन्य लोग अंतिम यात्रा में शामिल होकर अयोध्या ले जाकर सरयू नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया। शिक्षा से जुड़े शिक्षकों ने बताया कि भारत नेपाल सीमा के रुपईडीहा क्षेत्र में सर्वप्रथम रुकमणी देवी मांटेसरी स्कूल की स्थापना कर शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया। आज उनके कुशल निर्देशन में सीमान्त शिक्षा समिति के तत्वाधान में सीमांत इंटर कॉलेज, सीमांत पीजी कॉलेज, सीमावर्ती पीजी कॉलेज, पंडित राधेश्याम इंटर कॉलेज चरदा जमोग तथा नेपाल में अनेक महाविद्यालयों में शिक्षक के रूप में शिक्षा प्रदान कर चुके थे। नेपाल सरकार से शिक्षक के रूप में सेवानिवृत्त होने के पश्चात भारतीय सीमा क्षेत्र में अपने तीन पुत्रों के सहयोग से शिक्षा का अलख जगाया। वर्तमान समय में रुपईडीहा क्षेत्र शिक्षा का हब बन चुका है। जिसमें पंडित राधेश्याम पांडेय जी का बड़ा योगदान रहा है। वर्तमान समय में अपने छोटे पुत्र व सीमांत पीजी कालेज के प्रबंधक कौशलेंद्र पांडेय के आवास पर इनका काफी समय से इलाज चल रहा था। उन्हीं की आवास पर बीती रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा में नेपालगंज व रुपईडीहा कस्बे के भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
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