पेट्रोल-डीजल-एलपीजी के दामों में की गई भारी वृद्धि, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने की कड़ी निंदा | New India Times

अबरार अहमद खान /मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

पेट्रोल-डीजल-एलपीजी के दामों में की गई भारी वृद्धि, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने की कड़ी निंदा | New India Times

पेट्रोल-डीजल-एलपीजी के दामों में की गई भारी वृद्धि की एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने कड़ी निंदा करते हुये मूल्य वृद्धि फौरन वापस लेने की मांग उठायी है।
एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के महासचिव श्री प्रभास घोष ने निम्नलिखित बयान जारी किया है:
“जैसा कि अंदेशा था, पांच विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के कुछ ही समय के भीतर, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः 84 पैसे और 83 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है, जबकि घरेलू रूप से उपयोग किए जाने वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम एक ही झटके में 50 रुपये बढ़ा दिये हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि का झूठा बहाना तर्कसंगत नहीं ठहरता क्योंकि वास्तव में यह 135 डॉलर से गिरकर 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हो गया है। ईंधन शुल्क में यह वृद्धि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में और तेजी लाएगी। वास्तव में, कई अर्थशास्त्री पेट्रोलियम उत्पादों पर पहले से लगाए गए भारी करों को कम करने और लोगों को राहत देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। लेकिन फासीवादी निरंकुश भाजपा सरकार स्पष्ट रूप से पहले से ही मारे गए लाखों मेहनतकशों को मारना जारी रखने पर आमादा है, ताकि उन कॉरपोरेट दिग्गजों के लाभ में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके, जिन्हें महामारी के दौरान भी अकूत धन-दौलत के अम्बार लगाने के बावजूद अतिरिक्त कर के रूप में एक दमड़ी भी चुकाए बिना बच निकलने दिया जा रहा है, जबकि अप्रत्यक्ष कर का बोझ बेशर्मी से कंगाल आम जनता पर थोपा जाता है।
हम आम लोगों पर इस बेतुके आर्थिक हमले का पुरजोर विरोध करते हैं और इस मूल्य वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं। हम अत्यंत दुखी देशवासियों से इस सच्चाई को आत्मसात करने का भी आह्वान करते हैं कि केवल सही क्रांतिकारी नेतृत्व के तहत शक्तिशाली संगठित जनवादी आंदोलन ही इस तानाशाह सरकार को एक के बाद एक जनविरोधी नीतियां अपनाने से रोक सकता है।”


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