त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
देवरी में शिक्षा विभाग में आजकल लापरवाही व अनियमितता देखने को मिल रही है. सरकारी कर्मचारियों पर नेता शाही हावी नजर आ रही है. देवरी में कई स्कूल ऐसे हैं जिनमें बच्चों का भविष्य खतरे में है. वहां के शिक्षक गणों की लापरवाही से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, वहीं नेता शाही अधिकारी पर इतनी हावी है कि बच्चों के भविष्य की चिन्ता न करके ऐसे लापरवाह शिक्षकों को ही अधिकारी संरक्षण दिये हुये हैं जो मनमर्जी से स्कूल को टाइम पास बना के हजारों की पेमेंट पा रहे हैं जिसके दम पर वे नेता गीरी कर रहे हैं. ये लापरवाह शिक्षक जो कुछ नेताओं के चाटुकार होते हैं जिनके दम पर यह स्कूल का खेल खेलते हैं, वो नेता भी गजब होते हैं जो इन लापरवाह शिक्षकों की चाटुकारिता को महत्व देते हैं और गरीब बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ में अपना भी सहयोग समाहित करते हैं और स्कूलों के बच्चों व इनके परिवार की बददुआ भी जमकर लेते हैं मगर इन चाटूकार को नजरअंदाज न करके लौट कर महत्व ही देते हैं. कई शिक्षक ऐसे हैं जो पैसे देकर अधिकारी गणों को अपने मनचाहे स्थान पर अटेच होकर बैठे हैं. देवरी में प्रत्येक संकुल स्कूल स्तर पर शिक्षकों से वेतन निर्धारण के नाम भारी लूट की जा रही है. वहीं अधिकारी गण शिक्षकों पर नोटिस की कार्यवाही कर दबाब बनाकर पैसे वसूलते हैं. देवरी में ऐसे ढेरों स्कूल हैं जिसमें आये दिन लापरवाही देखने को मिलती है जिनमें शासकीय हाई स्कूल बारह शा प्राथमिक शाला, बोरिया शासकीय प्राथमिक शाला, नंदना शासकीय प्राथमिक शाला, बीना शासकीय माध्यमिक शाला, रीछई शासकीय प्राथमिक शाला, मढ पिपरिया शासकीय प्राथमिक शाला, सिलारी शासकीय वैसिक शाला हाई स्कूल शासकीय कन्या मा शाला देवरी, शा मा शा शिक्षा सदन देवरी, शासकीय प्राथमिक शाला जवाहरवार्ड शासकीय माध्यमिक शाला, झुनकू ग्राम शामा शाला, महाराजपुर शा मा शाला, मढी जमुनिया शा मा शाला, कोपरा शा मा हायर सेकण्डरी स्कूल जैतपुर कोपरा शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शाला सिमरिया हर्राखेडा शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शाला बेलढाना शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शाला पहला शासकीय प्राथमिक माध्यमिक व हाई स्कूल डोगर सलैया व शासकीय मा शाला जमना पुर परासिया तथा शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शाला .. इम झिरा आदि सैकडों स्कूल देवरी में ऐसे हैं जो न समय पर खुलते हैं न ही समय पर बंद होते हैं. कुछ शिक्षक कभी जाते ही नहीं तो कुछ शिक्षक स्वंय घर पर रहते हैं और स्कूल में प्राइवेट शिक्षक लगाके रखे हुये हैं तो कुछ स्कूल में तो शिक्षक शराब पीकर पढाते हैं. कुछ शिक्षक तो स्कूल न जाकर नेता गिरी करते हैं जिनपर अधिकारी कार्यवाही करने से डरते है क्योंकि ऐसे शिक्षकों के भाई, चाचा, पुत्र या पिता नेता होते हैं जो किसी बडे नेता के आगे पीछे चक्कर लगाते नजर आते है जो अपने भाई का अधिकारी से बोल देते है मेरा भाई स्कूल जाये या न जाये कुछ ध्यान मत देना क्योंकि मेरी सरकार है, नौकरी नहीं कर पाओगे इसलिये नजरअंदाज करके रहना. ऐसे शिक्षकों की लापरवाही पर तो जिला शिक्षा अधिकारी के साथ देवरी शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौन हैं और जो बिना सीधा साधा शिक्षक शिक्षिका यदि पूरे साल भर में एक दिन पांच मिनिट लेट स्कूल जाते तो उन पर कार्यवाही नोटिस जारी होते हैं क्योंकि उनके पास किसी नेता सोर्स नहीं होता है और जो सालभर स्कूल नहीं जाते न ही कभी कुछ लोग समय पर जाते उनको ये ही अधिकारी नजरअंदाज करते हैं क्योंकि उनके आका बडे़ नेता होते हैं. ऐसी अधिकारी गणों की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठता है ऐसे अधिकारी को भी नहीं बख्शा जायेगा.
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