अशफाक कायमखानी, सीकर ( राजस्थान ), NIT; अक्सर ट्रकों के पिछे लिखा होता है कि “जिसका कोई नही-उसका मालिक ईश्वर होता है। उसी तरह सीकर मे आम धारणा है कि जिस कमजोर-असहाय-व लाचार का कोई मददगार नही होता है तो उसको पुर्व विधायक अमराराम की टीम का साथ व हाथ मिलता है। पिछले महिने बकरामंडी के असहाय व पिडित पशुकारोबारियो को सभी तरफ से मदद मिलने की नाउम्मीदी नजर आई तो अचानक 14-जून को माकपा के राज्य सचिव अमराराम का साथ मिलने पर उनकी उम्मीदो को पंख लगकर उनको राहत मिलने का जब उन्हे अहसास हुवा तो उनका साहस व आत्मविश्वास सातवे आसमान को अचानक छुने लगा।
हालात व सरकार की नीतियों के मारे किसानों व पशु कारोबारियों की तरह आज सीकर शहर मे जाट बाजार व मुख्य डाक घर के सामने पच्चास सालो से भी पहले से पटरी पर चोल्या व हाथ ठेला लगाकर सब्जी व फल बेचकर मुश्किल से दिनभर मे सो-दोसो रुपये कमाकर अपने बच्चो को चुगा देने वालो को आज सुबह सुबह अचानक नगर परिषद अमले ने दबंगाई के साथ इस तरह रोंदा की उनके ठेलो को जब्तकर उनकी सब्जियो व फलो को सड़क पर इस तरह गिराया कि मानो उनके भूख से तड़फते बच्चो के आंख के आंसू सड़क पर टपक टपक करके गिर कर बिखरे पड़े हो। असहाय-लाचार व सियासी तोर पर अति कमजोर माने जाने वाले सब्जी व फल ठेला लगाकर बेचने वाले यह लोग आज की नगर परीषद अमले की अतिक्रमण के नाम पर इस तरह अचानक की गई बेदर्दी के साथ कार्यवाही से वो इतने सहम से गये कि चारो तरफ से मदद की नाउम्मीदी के कारण उनके रुंधे गले से कोई आवाज भी उस समय निकल नही पा रही थी। लेकिन उसी समय ट्रक के पिछे लिखे कोटेसन की तरह भगवान ने उनकी मदद के लिये माकपा नेता अमराराम की टीम के खास कारकून जिला सचिव किसन पारीक, तहसील सचिव अब्दुल कय्यूम व पुर्व विधायक पेमाराम के रुप मे उनकी मदद को अचानक दूत बनाकर ऐसा भेजा कि उन्होने अपने साथियो के साथ मिलकर नगर परीषद जाकर इस कार्यवाई के खिलाफ अधिकारियो का कड़ा घेराव करके वार्ता के बाद फिर से ठेले व चोल्ये उसी स्थान पर लगवाकर कर भूखे पेट सोने की उम्मीद लगाये उनके बच्चो के पेट मे दो निवाला जाने का इंतेजाम करवाकर एक नैक कदम उठाकर उसे कामयाबी की मंजील तक पहुंचाया है।
कुल मिलाकर यह है कि माकपा नेता पुर्व विधायक अमराराम को छात्र जीवन से लेकर विधायक काल के बाद अब तक संघर्षी व इश्यूबेश सियासत करने का माहिर राजनितिज्ञ माना जाता है। इसी के चलते किसान-मजदूर–दलित व अल्पसख्यक समुदाय मे अमराराम की पहले से गहरी पेठ होने के चलते इनके सामने विधानसभा चुनावो मे कांग्रेस के दिग्गजो को मात खाने पर मजबूर होना पड़ा था। अमराराम की एक संगठित टीम होने के चलते ही वो बडे से बडे आंदोलन को लम्बा या छोटा चलाकर भी वो सियासी हाईट पा जाते है जो जनपद मे शायद मोजुदा दुसरे किसी सियासी लिडर के बस की बात कतई नही है। इश्यू की पहचान कर उसको हल करने के लिये उचित समय पर उसे मुद्दा बनाकर आंदोलन का रुप देकर उसको हल करके पिडितो को राहत दिलवाकर सियासी तौर पर हाइट पाने की कला के माहिर अमराराम ने आज सीकर शहर मे एक दफा फिर अपनी सियासी सूझबूझ का परिचय देकर समय रहते ही चोल्यो व हाथ ठेलो पर सब्जी व फल बेचने वाले असहाय लोगो को बरबाद होने से अपनी टीम को सक्रीय करके उन्हे बचाकर अवाम के दिलो मे फिर से गहरी पेठ जमाकर चारो तरफ वाह वाही लूटी है।
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