किला स्थित गुरुद्वारा दाताबन्दी छोड़ पर प्रकाश पर्व के लिये सिंधिया स्कूल के मैदान में चलेगा लंगर तथा हजारों लोगों के रहने के लिये लगेंगे टेंट | New India Times

पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

किला स्थित गुरुद्वारा दाताबन्दी छोड़ पर प्रकाश पर्व के लिये सिंधिया स्कूल के मैदान में चलेगा लंगर तथा हजारों लोगों के रहने के लिये लगेंगे टेंट | New India Times

400वें प्रकाश पर्व की तैयारी गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ में तेज हो गई है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर दौरे के बाद तैयारियों में भी काफी बदलाव किया गया है। पहले जिस सिंधिया स्कूल के मैदान को देने की मना हो गई थी अब उसका इस्तेमाल प्रकाश पर्व के लिए किया जाएगा। सिंधिया स्कूल के मैदान में 2 अक्टूबर से विशाल लंगर शुरू होगा। जिसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। मैदान में 10 हजार लोगों के रहने के लिए टेंट लगाने का काम शुरू होने जा रहा है। वहीं लंगर व जत्थों की व्यवस्था संभालने के लिए विभिन्न राज्यों, शहरों व तीर्थ स्थलों से संत आ चुके हैं। प्रशासन का रुख भी अब प्रकाश पर्व को लेकर बदला हुआ लग रहा है। आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर प्रशासन भी व्यवस्था में सहयोग कर रहा है, जिसके चलते नगर निगम समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं।

किला स्थित गुरुद्वारा दाताबन्दी छोड़ पर प्रकाश पर्व के लिये सिंधिया स्कूल के मैदान में चलेगा लंगर तथा हजारों लोगों के रहने के लिये लगेंगे टेंट | New India Times

गुरुद्वारे पर विशेष सफाई व साज सज्जा की जा रही है। गुरुद्वारे में विभिन्न शहरों से नगर कीर्तन आ रहे हैं। जिनका भव्य स्वागत किया जा रहा है। अटूट लंगर का दौर जारी है। 4 से 6 अक्टूबर काे 400 वां प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। सन् 1619 में दीपावली के दिन सिखों के 6वें गुरु हरगोविंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था। गुरु हरगोविंद सिंह के बढ़ते प्रभाव से डरकर तत्कालीन मुगल बादशाह जहांगीर ने उन्हें 52 साथियों के साथ ग्वालियर दुर्ग (किले) पर बंदी बना लिया था, सभी को गुरु हरगोविंद के कहने पर रिहा किया गया था, तभी से दीपावली से पूर्व बंदी छोड़ दिवस मनाया जाता है। सिख धर्म के लोग दीप जलाकर खुशी मनाते हैं। वहीं ग्वालियर किले स्थित दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा में विशेष आयोजन होता है।


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