पावरलूम बुनकर संघ को मिली सफलता लेकिन बुनकर रहनुमाओं में मतभेद बढ़े | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

पावरलूम बुनकर संघ को मिली सफलता लेकिन बुनकर रहनुमाओं में मतभेद बढ़े | New India Times

पावर लूम बुनकर संघ के सरबराहकारों द्वारा अपने वर्तमान अध्यक्ष के नेतृत्व में विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से की जा रही जद्दोजहद के बाद सफलता प्राप्त हुई है। इस संबंध में शहर के बुनकरों को पावर लूम बुनकर संघ और पावर लूम टेक्सटाइल वेलफेयर ट्रेडर्स एसोसिएशन के बीच हुए समझौते की जानकारी देने हेतु मोमिन जमातखाना, अंसार नगर, बुरहानपुर में गत दिवस एक व्यापक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें पावर लूम बुनकर संघ के अध्यक्ष ने बुनकर रहनुमाओं और बुनकरों के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट की। पावर लूम बुनकर संघ बुरहानपुर के अध्यक्ष ने बताया कि पावरलूम उद्योग और उस में लगे मजदूरों की मजदूरी 3 वर्ष से नहीं बढ़ाए जाने, टेप्लेंथ और सूत की घटती का मामला विगत 3 माह से श्रम विभाग में लंबित था। इस के समाधान के लिए कलेक्टर के निर्देश पर विभागीय अधिकारियों ने मध्यस्था करके मीटिंग संपन्न कराई लेकिन 23 सितंबर को श्रम विभाग के अधिकारियों ने दोनों पक्षों के बीच बड़ी जद्दोजहद के बाद मामला सुलझा दिया और टेक्सटाइल वेलफेयर ट्रेडर्स ने बुनकर संघ की मांग को पूरा करते हुए मजदूरी बढ़ोतरी को स्वीकार कर टेप्लेंथ 102 मीटर निर्धारित कर सूत घटती के मामले में भारत सरकार के उपक्रम पावर लूम सर्विस सेंटर की रिपोर्ट को दोनों पक्ष के मानने पर आगामी दिसंबर 2024 तक के लिए अनुबंध पावर लूम बुनकर संघ के अध्यक्ष द्वारा किया गया। अनुबंध अनुसार नई मजदूरी 16 अक्टूबर 2021 से प्रभावशील होगी। अब पावरलूम मजदूर को 25 रुपए 25 पैसे प्रति पिक प्रति मीटर के मान से मजदूरी मिलने लगेगी। इस पूरे मामले में वरिष्ठ कांग्रेसी बुनकर नेता एवं मध्य प्रदेश राज्य पावर लूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित बुरहानपुर के पूर्व संचालक ने पावर लूम बुनकर संघ के अध्यक्ष द्वारा ढाई वर्ष का अनुबंध करने पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि अनुबंध 11 माह का किया जाना चाहिए था। इस बीच महंगाई बढ़ने से मजदूरों को नई मजदूरी नहीं मिल सकेगी। इसको लेकर मोमिन जमात खाना अंसार नगर में संपन्न बैठक में वाद विवाद की स्थिति भी बनी। समाचार है कि पावर लूम बुनकर संघ के अध्यक्ष ने इसका जवाब नहीं दिया और मीटिंग बर्खास्त करके चलते बने। इस घटनाक्रम के तुरंत बाद पावर लूम बुनकर संघ के संस्थापक अध्यक्ष ने पावर लूम बुनकर संघ की नवीन कार्यकारिणी समिति गठित कर नवीन अध्यक्ष, सरपरस्त और कार्यकारिणी समिति की नियुक्ति करने के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से इस को व्यापक रूप से प्रचारित व प्रसारित किया गया। जहां कई लोगों ने इसको स्वागत किया, वहीं कई लोगों ने इसे नापसंद भी किया। बुरहानपुर के एक प्रख्यात उस्ताद शायर एवं बुनकर नेता के सोशल मीडिया पर डाले गए बयान के अनुसार बुनकर रहनुमाओं ने 25.25 के फार्मूले नकार चुके थे,मगर दूसरे दिन पावर लूम बुनकर संघ के वर्तमान अध्यक्ष ने बुनकर रहनुमाओं को छोड़कर और अकेले में जाकर मारवाड़ी समाज की शर्त पर 11 माह के स्थान पर सन 2024 तक का, जो अनुबंध किया, उस पर सभी को घोर आपत्ति थी। बुनकर नेताओं के अनुसार पावर लूम बुनकर संघ के वर्तमान अध्यक्ष ने धोखाधड़ी की है और इसी बात को लेकर वादविवाद की स्थिति निर्मित हुई, जिसके कारण पावर लूम बुनकर संघ और बुनकर नेताओं में गहरे मतभेद नजर आए और बुनकर संघ के संस्थापक अध्यक्ष को अस्वास्था के बावजूद भी नई कार्यकारिणी की घोषणा करनी पड़ी लेकिन क्या पावर लूम बुनकर संघ के संस्थापक अध्यक्ष का यह कदम उस समय उचित था? यह भी एक विचारणीय बिंदु है। माना जा रहा है कि अपने स्वार्थ और वर्चस्व के लिए बुनकरों के साथ मिलीभगत करके घोर राजनीति और सियासत की जा रही है और वर्तमान घटनाक्रम उसी चक्रव्यू का एक भाग है।


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