समाजकल्याण विभाग की लापरवाही से अंतर्जातीय विवाह के प्राेत्साहन अनुदान रुके | New India Times

उवेस सिद्दीकी, अकाेला (महाराष्ट्र), NIT; ​समाजकल्याण विभाग की लापरवाही से अंतर्जातीय विवाह के प्राेत्साहन अनुदान रुके | New India Times
समाज में जातीयता तथा जातीय द्वेष खत्म करने एवं अंतर्जातीय विवाह को प्राेत्साहन देने के लिए शासन ने अर्थसहाय याेजना शुरू की है, लेकीन समाजकल्याण विभाग के लापरवाही की वजह से अब तक  लाभार्थीयों के लाभ से वंचीत होने मामले सामने आ रहे हैं। 

मिली जानकारी के मुताबिक़ अकाेला जिल्हा परिषद की ओर से लाभर्तीयों  के अनुदान का  प्रस्ताव समाजकल्याण अायुक्त पुणे को न भेजने की वजह से पिछ्ले कई दिनों से अनुदान रुका हुआ है।

1959 से शूरू की गई यह योजना जातीयता खत्म करने के लिए प्रोत्‍साहक साबित होती है। महाराष्‍ट्र शासन ने 30 जनवरी 1999 के शासन निर्णय द्वारा इस योजना  की निधी बढाकर 15 हजार रूपये अर्थसहाय देना शूरू किया था। गूजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उडीसा, उत्तरप्रदेश, चंदीगड आदि राज्यों में ऐसे लाभार्थीयों को 50 हजार तक अनुदान दिया जाता है। इसी के चलते महाराष्ट्र में 1 फरवरी 2010 से अंतर्जातीय विवाह के लिए अर्थसहाय निधि बढाकर 50 हजार किया गया है।  इस योजना में अनुसूचित जाती- जनजाती, विमुक्त जाती एवं भटक्या जाती के अलावा एक व्यक्ती और दूसरा व्यक्ति सवर्ण यानी हिंदू, जैन, लिंगायत, सिख आदि धर्म में से होंगे तो उनका समावेश अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में किया जाता है तथा  जिला परिषद के द्वारा इन  लाभार्थीयों को अनुदान वितरीत किया जाता है। सूत्रों से मिली जानकरी के नुसार पिछले साल के अनुदान जुलाई महिने आने के बाद भी अब लाभार्थीयों को मिले नहीं हैं, जिसकी वजह से लाभार्थीयों में नाराजगी व्यक्त की जरही है।

  • कोट:-

एप्रिल महिने से अनुदान रुके है। शासन द्वारा अब तक  अनुदान की कोई निधि प्राप्त नहीं होने की वजह से अनुदान किसी को भी वितरित नहीं किया गया है: खुरेंद्र तिडके समाजकल्याण निरिक्षक, अकोला।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading