लियाक़त शाह, भुसावल/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
भुसावल विभाग और जिले में पहला कोराना मुक्त तालुका बनने का बोदवड़ का सपना बुधवार को टूट गया. शहर में बुधवार को करीब 27 दिनों के बाद, एक नया मरीज मिल जाने से जिले का पहला कोराना मुक्त तालुका बनने का सपना टूटा गया। यदि लगातार 28 दिनों तक कोरोना रोगी नहीं मिला होता, तो तालुका मानदंडों के अनुसार कोरोना मुक्त हो गया होता. भुसावल संभाग में, बोदवड़ तालुका में सक्रिय रोगियों की संख्या पहली बार 15 जुलाई को शून्य पर आ गई थी. यदि लगातार 28 दिनों तक कोई नया मरीज नहीं मिला होता तो यह तालुका कोरोना मुक्त घोषित किया गया होता लेकिन ऐसा हो न सका. विभाग में अब सिर्फ भुसावल में 5 और बोदवड़ में 1 ऐसे 6 मरीजों का इलाज चल रहा है। बोदवड़ अगर शून्य रोगियों वाले तालुका सावधानी बरती जाए तो 28 दिन बाद हो सकता है कोराना मुक्त हो जाए.
अगस्त में केवल 4 बार टीकाकरण हुआ
भुसावल शहर दो साल पहले कोरोना का हॉटस्पॉट रह चुका है और कोरोना को नियंत्रित करने के लिए सरकार बार-बार वैक्सीन की अपील कर चुकी है, लेकिन हकीकत यह है कि शहर में पर्याप्त खुराक उपलब्ध नहीं है. नतीजा यह रहा कि अगस्त माह में शहर में 11 टीकाकरण में से केवल 4 का ही टीकाकरण हुआ है. बचे हुए दिनों में नागरिकों को बिना टीकाकरण कराए स्वास्थ्य केंद्र से वापस लौटना पड़ा है. नगर निगम के माध्यम से शहर के विभिन्न केंद्रों पर कोरोना का टीकाकरण किया जाता है. हालांकि, जिले का दूसरा सबसे बड़ा शहर होने के बावजूद भुसावल के पास पर्याप्त मात्रा में खुराक उपलब्ध नहीं है. वहीं सरकार-प्रशासन नागरिकों से टीकाकरण कराने की अपील पर जोर दे रहा है. इस असुविधा से बचने के लिए सरकार को टीकों की पर्याप्त खुराक उपलब्ध करानी चाहिए. इससे टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ेगा. क्योंकि शहर में 1, 5, 7 और 9 अगस्त को टीकाकरण किया गया था.
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