इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:
मानव की आत्मा ही परमात्मा है और मानव मात्र की सेवा करने से ही सच्चे सुख की प्राप्ति होती है। जी हाँ दमोह में एक सामाजिक संस्था, आधारशिला सीआईसीएम, गरीबों के लिए वरदान साबित हुई जहाँ 15 ऐसे बच्चों की निःशुल्क प्लास्टिक सर्जरी की गई जिनके बचपन से ही कटे होंठ और फटे तालू थे, जो महंगा इलाज कराने में असमर्थ थे उन बच्चों का यहाँ मुफ़्त इलाज किया गया। संस्था प्रमुख समाज सेवी डॉ अजय लाल द्वारा संचालित मिशन अस्पताल में यह निःशुल्क कैम्प लगाया गया था जहाँ विख्यात डॉक्टरों की टीम के साथ मिशन अस्पताल के कुशल डॉक्टरों की टीम ने मिलकर ये कारनामा कर दिखाया.
आपको बता दें कि यहाँ संस्था द्वारा मिशन अस्पताल में बीते 20 वर्षों से आयोजित होते आ रहे सर्जरी कैम्प में अब तक ढाई हजार से ज्यादा लोग लाभान्वित हो चुके हैं, इतना ही नहीं समाज सेवी डॉ लाल का मानना है कि समाज के किसी भी वर्ग के बच्चों को समानता का जीवन जीने का हक़ है और इसके लिए हमेशा हमारी संस्था का प्रयास रहा है. किसी भी व्यक्ति को कटे होंठ और फटे तलूओं की मायूस ना हो। इस बार भी मिशन अस्पताल में लगे निःशुल्क सर्जरी कैम्प में दमोह जिले के अलावा अन्य जिलों पन्ना, छतरपुर, विदिशा, सागर सहित अनेक जगहों से लोग अपने बच्चों का इलाज कराने दमोह पहुँचे। जहाँ इलाज के साथ परिजनों को ठहरने की उचित विवस्था दी गई. इलाज करा रहे परिजनों ने भी संस्था डायरेक्टर का आभार माना. कुछ माता पिता बोले मेरी बिटिया खूबसूरत हो गई, अब शादी में कोई रुकावट नहीं आएगी।
विदिशा से अपने बेटे के तालु का इलाज कराने आये सुनील नामदेव ने बताया मेरा बेटा जैसे जैसे बड़ा हो रहा था हम हम लोग चिंतित थे कि ऐसी हालत में कैसे इसकी शादी होगी लेकिन जब हमें पता चला कि दमोह की आधारशिला संस्थान के मिशन अस्पताल में कैम्प लगा, यहाँ सारी सुविधाएं मिलीं तो बड़ा सुकून मिला और डॉ लाल जी बड़े पुण्य का काम कर रहे हैं। इसी तरह सागर के गढ़ाकोटा निवासी एक बेटी के पिता सुनील कुमार कोरी अपनी मासूम को लेकर यहाँ जो उम्मीद लेकर आये थे वो पूरी हुई, उनका कहना था कि मेरी एक बेटी है लेकिन उसके तालु फटे होने से हम सब उसके लिए चिंतित थे कि बड़ी होगी बेटी तो कौन करेगा शादी और हमेशा शर्म सी महसूस होती थी लेकिन अब यहाँ निःशुल्क कैम्प में मेरी बिटिया का सफल ऑपरेशन हो गया, अब मुझे शर्म महसूस नहीं होगी, धन्यवाद मिशन अस्पताल और समस्त स्टाफ. संतोष गौड भी अपने बेटे के तालु की समस्या से परेशान थे जिन्हें मालूम हुआ कि दमोह में ऑपरेशन से मेरा बेटा ठीक हो जाएगा, अब ऑपरेशन तो बड़ी ख़ुशी हो रही है।
वहीं यहाँ सर्जरी करने आये भोपाल के विख्यात प्लास्टिक सर्जन डॉ मनीष भी मानते हैं कि संस्था के साथ काम करने में आत्म संतुष्टि का एहसास हुआ है, डॉ अजय लाल का प्रयास सराहनीय है। इस कैम्प में आने वाले वे मासूम बच्चे भी मुस्कुरा सकेंगे जो एक अदद मुस्कान के लिए तरसते थे लेकिन अब ना सिर्फ बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौटी बल्कि उनके माता पिता के भी चेहरे खिल उठे।
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