गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
कानून व्यवस्था को पूरी तरह मजाक बनाकर रख दिया है, अब न्याय के मंदिर में ताले लग जाने चाहिए, सारा फैसला थानेदार साहब ही करेंगे। वैसे पुलिस आवाम की परेशानी को दूर करने के लिए है ना कि आवाम की परेशानी को और भी बढ़ाने के लिए। आपको बताते चलें कि, बेवाना थाना अध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव और ग्राम सभा कूड़ा मोहम्मद गढ़ लालाका पूरा के आलोक श्रीवास्तव की याराना किसी से छुपी नहीं है। काम चाहे जैसा भी कानून व्यवस्था भाड़ में जाए, लक्ष्मी मेहरबान होनी चाहिए। “सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का” उसी तर्ज पर गांव के कुछ दबंगों ने गांव की बनी हुई सड़क को उखाड़ कर फेंक दिया और राजस्व को लाखों रुपए का चूना भी लगा दिया। क्योंकि उनका कहना था नाली निकासी के लिए खडजे को उखाड़ जरूरी था मगर इस विषय में गांव के प्रधान भनक तक को नहीं लगी और ना ही संबंधित अधिकारियों को.
इसकी सूचना जब थाने पर दी जाती है तो थानेदार साहब फटकार लगाते हुए शिकायतकर्ता को भगाते हुए कहते हैं कि मैं नाली निकलवा दूंगा जिसको जितनी दम लगानी हो लगा ले, यह किसी पुलिस अफसर की भाषा नहीं किसी गुंडे की भाषा लग रही है। पुलिस बल की सहायता से नाली उखड़वाना और नाली बनवाना किसी थानेदार का काम नहीं है। थाना अध्यक्ष ने खड़ंजा को उखाड़ने वालों पर मुकदमा तक दर्ज नहीं किया और कानून व्यवस्था का दम भरते हैं. लोगों का कहना है कि दो घर छोड़कर सरकारी नाली बनी हुई है, मगर थाना अध्यक्ष के जिद और एनकाउंटर की धमकी के आगे सब बेबस हैं।
इस संबंध में एसडीएम ने क्या कहा!
अकबरपुर एसडीएम मोइनुल इस्लाम ने कहा कि कानून के दायरे में रहकर ही काम किया जाए, अगर बिना अनुमति के खड़ंजे उखाड़े गए हैं तो जांच टीम गठित कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
लोगों पर अब भी पुिलिसया उत्पात की दहशत भरी है। महिलाओं व बच्चों के चेहरे पर यह खौफ साफ देखा जा सकता है। पुलिस के भय से नौजवान लोग घर छोड़कर भागे हैं। पुलिस की दहशत अब भी महिलाओं-बच्चों में कायम है।
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