गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ,अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटन पर लंबे समय से उंगलियां उठ रही हैं। बिना आग के धुआं उठ नहीं सकता उसी तरह डूडा विभाग में बिना रिश्वत के भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लग सकते। अब काफी हद तक साफ हो गया कि भ्रष्टाचार को लेकर उंगलियां यूं ही नहीं उठी थी जिले में आवास आवंटन में धांधली का मामला सामने लगातार आ रहा है डूडा में प्रधानमंत्री आवास का काम देखने वाली एजेंसी कंसलेटेट के डीसी सूर्य प्रताप के खिलाफ लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की है और ऐसे भ्रष्ट अफसर को जिले के बाहर का रास्ता दिखाने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। डूडा विभाग के कई प्राइवेट कर्मचारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त में बताया कि डीसी की जेब ज्यादा बड़ी हो चुकी है जिसके कारण हम लोगों पर दबाव डालकर पैसा की वसूली करवाई जाती है। और यह पैसा कहां तक जाता है डीसी को पूरी तरह पता है डीसी की कई अहम रिकॉर्डिंग भी पड़ी हुई है।आवास योजना के तहत डूडा विभाग द्वारा पात्रों को मिलने वाली धनराशि देने में रिश्वत लेने और डूडा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत का मामला बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
वही परियोजना अधिकारी आदित्य कुमार ने इस आरोपों को निराधार बताया है।सरकार द्वारा सभी विभागों को ये सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जाएगा मगर, अंबेडकर नगर में बेघरों को घर देने के लिए बनाई गई। योजना प्रधानमंत्री गरीब आवास योजना द्वारा गरीब निर्धन बेघरों के लिए ढाई लाख रुपये का देने की योजना है। मगर ये आरोप लगाया गया है कि जहां डूडा विभाग द्वारा पीएम की बड़ी योजना में भ्रस्टाचार किया जा रहा है, जो लोगों गरीब नहीं है। उनके भी मकान बनाए जा रहे हैं।वही डूडा के परियोजना अधिकारी ने आदित्य कुमार ने बताया है कि ये सब पुराने सर्वेयर का बनाया हुआ जाल है और विभाग में इसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नहीं होता है। आवास का पैसा पात्रों को कई प्रक्रिया पूरी होने के बाद मिलता है। तो भ्रष्टाचार का कोइ सवाल ही पैदा नहीं होता और डीसी सूर्य प्रताप पर जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं।
अवैध उगाही ओर भ्रष्टाचार का कोई साक्ष्य हो तो बताये। उस पर एफ आई आर दर्ज होगा।
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