समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा मूंग, भाजपा के कद्दावर नेता ज्ञानेश्वर पाटील दादा के आग्रह को स्वीकार कर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ने दिया आदेश | New India Times

मेहलका इकबाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा मूंग, भाजपा के कद्दावर नेता ज्ञानेश्वर पाटील दादा के आग्रह को स्वीकार कर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ने दिया आदेश | New India Times

मूंग की फसल का किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने का प्रयास कर रहे भाजपा के कद्दावर नेता, पूर्व जिला पंचायत एवं पूर्व पावलूम फेडरेशन अध्यक्ष श्री ज्ञानेश्वर पाटिल को सफलता प्राप्त हुई। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व पावर लूम फेडरेशन अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल की मांग पर सहमति जताते हुए समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदने के आदेश देने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। जानकारी के अनुसार दूसरे जिलों की तरह अब बुरहानपुर जिले में भी मूंग फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जा सकेगी। इसकी लिखित सहमति देते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक पत्र संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास मप्र भोपाल को भेजकर कहा कि बुरहानपुर जिले में मूंग की फसल को शामिल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व जिपं अध्यक्ष एवं पूर्व पावरलूम फेडरेशन अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल ने कृषि मंत्री को पत्र भेजकर मूंग फसल को समर्थन मूल्य के तहत खरीदने और किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने की मांग की थी।
पूर्व जिल पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि कि इस मांग को लेकर कृषि मंत्री को पत्र लिखा गया था। उनसे मुलाकात करने पर उन्होंने पत्र संचालक कृषि को भेजा है। उन्होंने बताया कि बुरहानपुर जिले में जायद फसल का रकबा लगभग 22 से 25 हजार हेक्टर में होता है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की प्रसार गतिविधियों के माध्यम से गन्ना और केला फसल में अंतरवर्ती फसल के रूप में मूंग, प्याज, धनिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस वर्ष मूंग फसल लगभग 550 हेक्टर में बोई गई है। शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर मूंग का पंजीयन प्रारम्भ किया जा रहा है। जिले के किसानों को भी अब जायद फसल मूंग लेने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा आने वाले समय में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी बुरहानपुर जिले में भी होगी। साथ ही जिले में भी मूंग की फसल लगाने के प्रति किसानों को प्रेरित भी किया जाएगा। अभी यहां केला, गन्ना फसलें सर्वाधिक लगाई जाती है।


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