अशफाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान के सीकर जिला के धोद गांव में कोराना संदिग्ध मृत महिला का शव पांच घंटे तक घर के बाहर पड़े रहने के बावजूद जब अंतिम संस्कार कराने में मदद करने कोई नहीं आया तो तहसीलदार रजनी यादव ने PPE किट पहनकर कांधा दिया और मृतक के पति व दो पोतों के साथ मिलकर मृतक का अंतर संस्कार भी किया।
कोविड 19 का खौफ है या लोगों की कोरोनाकाल में इंसानियत मरने लगी है यह तो कहना तो अलग बात है लेकिन कुछ जगह संदिग्ध कोराना मरीजों की मौत होने पर उनके नजदीकी रिश्तेदार वगैरह भी अंतिम संस्कार करने में कन्नी काटते नजर आते हैं। ऐसे हालात जब आज सीकर जिला के धोद गांव में घटने लगी तो तहसीलदार रजनी यादव ने अपना इंसानी फर्ज निभाया।
मामला सीकर जिले के धोद गांव का है जहां के वार्ड नंबर 1 में रहने वाली महिला सायर कंवर की बीमारी से एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई। अस्पताल के वाहन से दोपहर करीब 12 बजे शव को लाए और घर के बाहर उतार कर चले गए। महिला के पति श्योबख्श सिंह अपने छोटे पोते और पोतियों के साथ आसपास के लोगों से मृतक के शव को श्मशान ले चलने के लिए घर घर गुहार लगाते रहे लेकिन कोई नहीं आया। जब इसकी जानकारी सरपंच को मिली तो सरपंच ने धोद तहसीलदार रजनी यादव को सूचना दी। रजनी यादव ने बीसीएमओ को फोन करके एंबुलेंस भेजने की घंटो मांग करती रही पर एंबुलेंस नहीं आई। रजनी यादव ने फिर प्रइवेट वाहन से शव को शमशान घाट ले जाकर स्वयं ने पीपीई किट पहन कर मृतक के पति व उनके पोते पोतियों की मदद से मृतक का दाह संस्कार किया।
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