सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा मेडा व दिनेश वसुनिया ने महिला समूह की लोन किस्तों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन | New India Times

रहीम शेरानी हिदुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा मेडा व दिनेश वसुनिया ने महिला समूह की लोन किस्तों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन | New India Times

आज भारत सहित पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान है. इस संक्रमण से कैसे बचा जाए प्रधानमंत्री से लगाकर मुख्यमंत्री और पूरा शासन प्रशासन आम जनता को घरों में रहें सुरक्षित रहें जैसे नारे लगाते हुए उन्हें इस संक्रमण से बचने का संदेश दे रहे हैं.
वहीं कुछ प्राइवेट कंपनियां जिन्होंने ग्रामीण व शहरी महिलाओं से ब्याज कमाने के लिए लोन बांट रखा है किसी को 1 साल के लिए तो किसी को 2 साल के लिए इन कंपनियों ने लोन दे रखा है.
इन्हीं के साथ यह प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी इन महिलाओं से 15 दिन में या महीने भर में किस्त के माध्यम से वापस अपना पैसा जमा करवाते हैं. जब तक लॉक डाउन नहीं लगा था तब तक तो इन शहरी और ग्रामीण महिलाओं को लोन किस्त भरने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो रही थी पर जैसे ही कोरोना वायरस संक्रमण ने अपना रूद्र रूप दिखाया वैसे ही प्रशासन ने 15 मई तक लॉक डाउन की घोषणा कर दी. उसी समय से इन समूह की महिलाओं के माथे पर इन प्राइवेट कंपनियों कि किस्त कैसे भरेंगे इस प्रकार की चिंता सताने लगी थी, इन समूह की महिलाओं को चिंता सताये भी क्यों नहीं क्योंकि प्राइवेट बैंकों के कर्मचारी इस लॉक डाउन में भी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जाकर अपनी किस्त वसूलने का काम कर रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा मेडा व दिनेश वसुनिया ने महिला समूह की लोन किस्तों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन | New India Times

तो वहीं ग्रामीण वह शहरी क्षेत्र की महिलाएं इन किस्तों को चुकाने के लिए संघर्ष कर रही है. समूह की महिलाओं को इस समय दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, एक तरफ संक्रमण बीमारी से बचना व घर में राशन पानी की भी व्यवस्था करना तो वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट बैंकों से लिए गए लोन की किस्तें भी भरना. लॉक डाउन में काम धंधे सब ठप पड़े हैं ऐसे में इन शहरी व ग्रामीण महिलाओं को लोन किस्त भरने में काफी समस्याएं आ रही हैं इसी को देखते हुए इन समूह की महिलाओं ने कलेक्टर महोदय से निवेदन किया है की लॉक डाउन खुलने के पश्चात 2 से 3 माह बाद इन प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को हम विधिवत तरीके से इनकी किस्तों का भुगतान कर देंगे, कंपनी द्वारा पूर्व में निर्धारित ब्याज तो हम देंगे पर दिन के ₹40 ब्याज हम नहीं देंगे. प्राइवेट कंपनी ने तो इन समूह की महिलाओं के होश उड़ा कर रख दिए हैं, उनके कर्मचारियों ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आकर महिला समूह को बताया कि अगर आप लोग किस्त नहीं भरोगे तो 1 दिन के ₹40 के मान से हम आप लोगों से पैसा वसूल करेंगे और इसी प्रकार 1 महीने का 1200 रुपए अलग चार्ज लगेगा इसका पुख्ता सबूत इन समूह की महिलाओं के पास मौजूद है. भील प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश वसुनिया व नारी शक्ति अध्यक्ष सुमित्रा राजु मेडा ने इन समूह की महिलाओं की समस्या को कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा से मिले व ज्ञापन दिया. कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि इस विषय पर जल्द ही चर्चा कर एक्शन लेंगे.


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