राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
एक ओर जहां कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए देश में जगह जगह कोरोना कर्फ्यू चल रहा है और होटल, ढाबे व अन्य प्रतिष्ठान बंद हैं वहीं देवरी क्षेत्र में ढाबों पर धडल्ले से अवैध शराब का विक्रय किया जा रहा है और लाॅक डाउन में भी यह कारोबार जमकर फल फूल रहा है. क्षेत्र के अधिकतर ढाबों पर शराब का विक्रय बिना किसी पुलिस के डर से किया जा रहा है। क्षेत्र की हर गांव एवं मोहल्ले में अवैध शराब खुलेआम बेची जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के हर वार्ड एवं क्षेत्र के हर गांव में लाॅक डाउन में भी शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है। इस शराब की विक्री धडल्ले से की जा रही है शराब की विक्री करने वालों में पुलिस का जरा सा भी डर नहीं है।
बताया जा रहा है कि लाॅक डाउन में यह शराब आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है और गांव गांव में शराब पहुंचाई जा रही है चाहे अग्रेंजी शराब की बात हो या देशी शराब की बात हो दोनों प्रकार की शराब उपलब्ध हो रही है।
वहीं हम आपको बताते चलें की नगर की अग्रेजी शराब दुकान के आसपास शाम के सात बजे ही शराब लेने वालों को देखा जा सकता है। अब समझ से परे है कि जब लाॅक डाउन में सभी शराब दुकानें बंद हैं तो इन शराबियों को शराब कौन सी अज्ञात शक्तियां उपलब्ध करा रही हैं।
लाॅक डाउन में लोगों को आसानी से शराब उपलब्ध होना क्षेत्र में जनचर्चा का विषय बना हुआ है और लगातार पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहा है।
रात्रि में धडल्ले से हो रहा शराब का परिवहन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर में शराब से भरी फोर व्हीलर गाडियां रात्रि 11 बजे के बाद सड़कों पर दौड़ रही होती हैं। इन फोर व्हीलर गाड़ियों के माध्यम से क्षेत्र के हर गांव में शराब पहुंचाई जा रही है। लोगों का कहना है कि पुलिस के द्वारा रात्रि में गश्त नहीं की जा रही है जिससे कि अवैध शराब से भरे फोर व्हीलर वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस महकमा अवैध शराब की विक्री रोकने मे नाकाम साबित हो रहा है।
लाकडाउन मे अग्रेजी शराब दुकान पर नहीं है सरकारी सील
जहां लाॅक डाउन में सरकार के द्वारा सभी शराब दुकानों पर सरकारी सील लगाने के आदेश हो गए थे परंतु नगर की अग्रेंजी शराब दुकान के किसी भी ताले पर सरकारी सील नहीं है।
वहीं आबकारी के एक अधिकारी के मुताबिक लाॅक डाउन के समय जिले की सभी शराब दुकानों पर सरकारी सील लगाई गई थी परंतु देवरी की शराब दुकान की सील क्यों नहीं है यह आश्चर्य का विषय है।
वहीं हम आपको बता दें कि इसके पहले शराब दुकान के सभी तालों पर सरकारी सील लगती आई हैं लेकिन इस बार क्यों नहीं लगी यह जन चर्चा का विषय बना हुआ है।
छोटी मछलियां पुलिस की पकड़ में, बड़ी मछलियों पर पुलिस नहीं डाल रही है हाथ
बताया जा रहा है कि क्षेत्र में जो एक दो पेटी रखकर शराब का विक्रय करते हैं पुलिस केवल उन्हीं पर हाथ डाल रही है वहीं इस खेल के जो बडे़ बडे़ कारोबारी हैं वह पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस कभी कभार आठ एवं दस पांव की जप्ती बनाती रहती है जिससे कि क्षेत्र में लगे पुलिस कुछ कार्यवाही कर रही है वहीं अगर क्षेत्र की बात करें तो जो अवैध शराब के बडे़ बडे़ कारोबारी हैं वह पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
बताया जाता है कि देवरी थाने में पदस्थ जिस आरक्षक को सूचना संकलन मे लगाया गया है वही थाना क्षेत्र के आसपास ही धूमते दिखाई देते हैं कभी यह क्षेत्र मे जाते ही नहीं हैं जिससे कि पुलिस को सूचनाएं सही उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। वहीं आश्चर्य की बात है कि सूचना संकलन मे लगा चाहे कोई भी आरक्षक हो वह यूनिफार्म नहीं पहन सकता परंतु देवरी थाने में सूचना संकलन में लगे आरक्षक कभी कभी सडकों पर यूनिफॉर्म में दिखाई देते हैं।
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