गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिला में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहाँ बुजुर्ग मां जिस बेटे को अपने बुढ़ापे की लाठी समझ रही थी उसी ने धक्का देकर घर से बाहर निकाल दिया तभी से बेटे और बहू की प्रताड़ना से पीड़िता न्याय के लिए पुलिस अफसरों के चक्कर काट रही है। बुजुर्ग बूढ़ी विधवा सूरसती ने बताया कि नौ माह तक पेट में रखकर जन्म देने के बाद यह हश्र होगा अगर यह पता होता तो पैदा होते ही गला दबा देती, तो यह दिन देखने को नहीं मिलता।
यह एक का नहीं बल्कि अनेकों मां-बाप के दिल का दर्द है। जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाये जा रहे वृद्धा आश्रम में दर्जनों ऐसे वृद्ध हैं जिन्हें जब लाठी के सहारे की जरूरत हुई तो उनके अपनों ने ही धक्के मार कर उन्हें बाहर निकाल दिया। सूरसती नाम की महिला अकबरपुर थाना क्षेत्र बिहलोर पुर की रहने वाली है। उसका आरोप है कि उसके बड़े बेटे राधेश्याम जिसकी मृत्यु हो चुकी है उसका बेटा बृजेश द्वारा मारा-पीटा जाता है और उसे घर से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया। सूरसती पत्नी स्वर्गीय राम आसरे ने बताया कि उसके चार बेटे हैं, राधे श्याम और घनश्याम की मृत्यु हो चुकी है, रामकिशुन और जयप्रकाश द्वारा भी मारा-पीटा जाता है।
पीड़िता का आरोप है कि उसके बेटे और पोते अब उसे धमकी देते है कि उसका यहां कुछ नहीं है वह यहां से चली जाए। सुरसती ने अपनी शिकायत लेकर मरैला चौकी पहुंची लेकिन पुलिस द्वारा इस संबंध में कोई सुनवाई नहीं की गई। पीड़िता ने अब अपनी शिकायत डीएम और एसएसपी के यहां की है। उसने मांग की है कि उसके हिस्से के मकान को बेटे और पोते मिलकर तोड़ रहे हैं उसे रोका जाए और मुझे वहां रहने दिया जाए।
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