शाहनवाज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
शहर काज़ी मुश्ताक़ अली नदवी साहब ने इस मामले पर कहा कि कुछ दिन पहले प्रबंधन कमेटी दारुल उलूम ताजुल मस्जिद, मसाजिद कमेटी दारुल कज़ा की मीटिंग में सिर्फ मशवरा हुआ था लेकिन बग़ैर किसी नतीजे के ये मीटिंग ख़तम हुई थी, हमरी तरफ से ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया था जिसमें 7 निकाह होना बताया गया हो, हम भी यही चाहते हैं की जैसे निकाह होते थे वैसे ही होते रहें।
मसाजिद कमेटी के इंचार्ज एवं सेक्रेटरी जनाब यासिर अराफात ने कहा कि आवाम भी इस मामले को लेकर आवेदन लेकर आई थी कि निकाह जैसे होते थे वैसा ही किये जायें। इस्लाम में भी निकाह को बहुत आसान बताया गया है और मस्जिद में निकाह करना सुन्नत ऐ रसूल है। यासिर अराफात ने कहा कि हम यही चाहते हैँ की निकाह मस्जिद में ही हो, समाचार पत्रों में जो खबर छपी थी मैं पूरी तरह से उस खबर का खंडन करता हूँ।
वहीं इस मामले को लेकर कॉल पे दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के अमीर प्रोफ़ेसर हस्सान साहब से सात निकाह को लेकर बात हुई तो उन्होंने भी शहर काज़ी जनाब मुश्ताक़ अली नदवी साहब की राय से इत्तफाक रखते हुए कहा की जैसे पहले होते थे निकाह मस्जिद में वैसा ही हो।
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