फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
पैसे की हवस में मासूमों का क़त्ल! जी हां विशेषज्ञता न ही सम्पूर्ण इलाज बस पैसे की हवस में मासूमों की जिंदगी के साथ यहाँ खिलवाड़ होता है। जबतक जेब में पैसा है तबतक इलाज के नाम पर जेब में डाका डाला जाता है, पैसा खत्म तो इलाज खत्म। बस कोई गम्भीर बीमारी का बहाना बनाकर लखनऊ मेडिकल कालेज रिफर बनाकर चिकित्सक अपने हाथ खड़े कर लेते हैं।शहर भर में बड़े बड़े होर्डिंग बैनरों में कुशल विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के इलाज के लुभावने दावे कर मरीजों को अपने नर्सिंगहोम तक लाकर उनका शोषण किया जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं बहराइच शहर में खुले हिंदुस्तान चाइल्ड हॉस्पिटल की, मर्ज कोई भी हो भले ही उस मर्ज का इलाज बहराइच में सम्भव न हो फिर भी पैसा ऐंठने के लालच में तबतक जवाब नहीं दिया जाता जबतक मासूम मौत के मुँह में न पहुंच जाए। यूं तो हिंदुस्तान हॉस्पिटल के कई काले कारनामे शहर में चर्चित हैं लेकिन नित्य नए कारनामों का गुल खिलाना इस हॉस्पिटल के संचालक की आदत बन गयी है। लोग अपने जिगर के टुकड़े को सीने से लगाकर इलाज के लिए हिंदुस्तान चाइल्ड हॉस्पिटल आते हैं और पैसा लुटाकर मासूमों की लाश कंधे पर लेकर रोते बिलखते वापस घर जाते हैं। इलाज के नाम पर ऐसा छल दिनदहाड़े हो रहा है और कुम्भकर्णीय नींद में सो रहे जिले के स्वास्थ्य महकमे और आला हाकिमों के सिर पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
मिली जानकारी के अनुसार जनपद बहराइच के हिंदुस्तान चाइल्ड हॉस्पिटल के संचालक डाॅक्टर गयास अहमद पर भृस्टाचार धोखाधड़ी व इलाज में लापरवाही समेत कई जघन्य आरोप लग चुके है।कई मामलों में डॉ गयास पर बकायदा मुकदमा दर्ज हो चुका है।लेकिन रसूख कहे या पैसे के दम पर क्लीन चिट मिल जाती हैं।ताजा मामला शहर बहराइच के मोहल्ला सलारगंज निवासी सोनू पुत्र अब्दुल मजीद का है जिसमें स्थानीय सभासद सोनम हनीफ ने जिलाधिकारी व मुख्यचिकित्सा अधिकारी को अपने लेटर पैड पर पत्र लिखकर कार्यवाही की गुहार लगाई है। शिकायती पत्र में उल्लेख है कि सलारगंज निवासी सोनू पुत्र अब्दुल मजीद के पैदा हुए नवजात शिशु को डॉ गयास अहमद ने गम्भीर बीमारी बताकर भर्ती कर लिया और सांस लेने में दिक्कत व जान का खतरा बताकर वेंटीलेटर पर कर दिया। पांच दिनों तक 15 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वसूलने के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार न होने का बहाना बनाकर लखनऊ मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया। नवजात शिशु को आनन फानन में परिजन लखनऊ पहुंचे। जहाँ लखनऊ मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बताया कि नवजात को अनावश्यक प्रयोग की गई दवाओं के दुष्प्रभाव व आवश्यकता न होने के बावजूद वेंटिलेटर पर रखने के कारण फेफड़ा छतिग्रस्त हो गया है और नवजात का बचना बहुत मुश्किल है। आखिरकार दो तीन घण्टे में इलाज होने के दौरान बच्चे की मौत हो गयी। परिजनों ने हिंदुस्तान चाइल्ड हॉस्पिटल के संचालक डाॅक्टर गयास अहमद व उनके स्टाफ पर इलाज में लापरवाही, बिना डिग्री के अप्रशिक्षित स्टाफ़ द्वारा इलाज करने समेत कई गम्भीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि बार-बार पूछने के बाद भी चिकित्सक व उनके स्टाफ द्वारा रुपया ऐंठने के चक्कर में उनके भर्मित किया गया, बच्चे की सही स्थिति नहीं बताई गई। यदि वो समय से बच्चे को लेकर लखनऊ आते तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी। पीड़ित परिवार ने जिलाधिकारी व मुख्यचिकित्सा अधिकारी से जांच कमेटी बनाकर जांच करने व दोषी चिकित्सक व स्टाफ पर विधिक कार्यवाही करने की मांग की है।
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