संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
‘एमपी अजब है सबसे गजब है’ शायरी सच भी है क्योंकि अफसरशाही के चलते आम आदमी की वैल्यू या कीमत कहें तो चार आने के बराबर भी नहीं समझी जाती और आम आदमी अफसरशाही के चलते अपने आप को कभी-कभी ठगा सा महसूस करता है लेकिन जब अफसर की अफसरशाही अपने कर्मचारियों पर ना चले तो इसे क्या कहेंगे, इस पर तो एक कहावत चरितार्थ होती है जो बुंदेलखंड में काफी चर्चित है, मोटी हुई घूश बिला हुआ साकरा। जी हां बात करें आमानगंज विद्युत विभाग की तो यहां अफसरशाही लापरवाह कर्मचारियों के सामने बोनी साबित हो रही है क्योंकि यहां के कर्मचारी अफसर की सुनते तो है पर उस पर गौर और अमल नहीं करते। ऐसा ही मामला एक ऑडियो में सामने आ रहा है जिसमें नगर आमानगंज विद्युत विभाग मंडल के वाईसी साहब अपने विद्युत विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही इस लहजे में बता रहे हैं मानो उनके कर्मचारी उन पर हावी हैं और उनका कद उनके सामने बोना है। कई दिनों से विद्युत विभाग में पदस्थ विभाग कर्मचारी जिनका कई वर्षों से नगर अमानगंज से स्थानांतरण ही नहीं हुआ वह कर्मचारी समूचा विद्युत मंडल कार्यालय चला रहे हैं क्योंकि सम्मानीय वाईसी साहब जिला पन्ना में जो रात गुजारते हैं अगर नगर आमानगंज में किसी भी प्रकार की कोई विद्युत संबंधी होनी अनहोनी होती है तब कोई भी कर्मचारी शायद साहब का फोन रिसीव न करें या फिर उनकी बात एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दे और उनके आदेश पर अमल ही ना हो सच में एमपी अजब है सबसे गजब है क्योंकि बेचारा अधिकारी कैसे इन घाग कर्मचारियों पर अपना प्रशासनिक रवैया और तरीका दिखाकर इनको दिए गए दायित्वों का निर्वाह करा सकेगा बेचारा अधिकारी इन कर्मचारियों के सामने बोना ना हो जाए तो सच में एमपी में भूतों का डेरा और शिव का राज समझ में आ रहा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.