वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
अभी तक इंसानों में ही कैंसर सुना जाता था लेकिन अब फसलों में भी कैंसर होने लगा है। गन्ने की फसल में कैंसर से क्षेत्र के किसान काफी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि जिस गन्ने के पौधे में यह रोग लग जाता है उसकी पत्ती काली हो जाती है, फिर एक के बाद दूसरे, तीसरे पौधों में यह रोग फैलता जाता है। कुछ गन्ना किसान इस रोग से फसल को बचाने के लिए प्रभावित पौधे को जड़ से खोदकर नाले या तालाब में दबा देते हैं। बताया जाता है कि हवा चलने पर इस रोग का प्रभाव दूसरे खेतों में भी हो जाता है जिससे पूरे खेत की पैदावार प्रभावित होती है। महंगे कीटनाशकों का छिड़काव करने पर भी इस रोग पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। इंसानों के साथ ही फसलों में भी नित नई बीमारियां सामने आ रही हैं। जिले में गन्ना की फसल में लाल सड़न यानी कैंसर की बीमारी लगनी शुरू हो गई है। ऐसे में किसानों को जागरूक होना जरूरी है। इस बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए किसानों का कहना है कि गन्ना की फसल में इन दिनों लाल सडन का रोग लगने लगा है। इसे गन्ना का कैंसर भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि इस रोग के व्यापक रूप से फैलने के कारण प्रजातियों को अस्वीकृत तक करना पड़ता है। जिले में अन्नदाता बड़े पैमाने पर गन्ना की खेती करते हैं। गन्ने की फसल किसानों के खेत पर लहरा रही है इन दिनों अन्नदाता फिर मुश्किलों में है क्योंकि गन्ने की फसल में कैंसर यानी लाल सडऩ होने की संभावना बढ़ गई है। गन्ने में कैंसर की बीमारी पनपने लगी है। किसान पहले ही बकाया भुगतान को लेकर खासा परेशान है। भुगतान न होने के चलते किसानों के आगे बच्चों को पढ़ाने से लेकर खाने तक के लाले पड़े हुए हैं लेकिन उनकी समस्या का सामाधान करने वाला कोई दिखाई नहीं दे रहा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.