संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:
राज्य प्रशासनिक सेवा से चयनित होकर होमगार्ड विभाग में पदस्थ अधिकारियों को जिला सेनानी के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाती है जो कि पुलिस विभाग के डीएसपी के समकक्ष का पद है, दोनों ही विभाग गृह विभाग के अन्तर्गत है उसके उपरान्त निर्धारित अवधि पश्चात डिवीजनल कमान्डेन्ट के पद पर पदौन्नत किया जाता है। पुलिस विभाग में नियमानुसार 33 प्रतिशत के मान से आरक्षण के अवसर अनुसार पदौन्नत किया जाता है जैसै कि एक डीएसपी अपने निर्धारित सेवाकाल पूर्ण होने के उपरान्त उन्हें आईपीएस अवार्ड कर एसपी और आगे भी पदों पर पदौन्नत किया जाता है किन्तु होमगार्ड विभाग में ऐसी कोई व्यवस्था लागू नहीं है। यहां पर न तो 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाता है और ना ही आईपीएस कैडर प्रदान किया जाता है जिसके कारण होमगार्ड विभाग के अधिकारीे अन्दर कुंठा की भावना से ग्रसित रहते हैं जबकि पुलिस विभाग में डीएसपी और होमगार्ड विभाग में जिला सेनानी के पद पर एक समान परीक्षा उपरान्त पदस्थ किया जाता है तो फिर इस तरह की दोनों विभागों के अन्दर भिन्नता क्यों रखी गयी है? अतः राज्य प्रशासनिक सेवा से चयनित होमगार्ड विभाग के अधिकारियों को भी पुलिस विभाग के समान वरिष्ठता अनुसार आईपीएस कैडर प्रदान किया जाये। यदि उन्हें गृह विभाग के अन्तर्गत नहीं माना जाता है तो प्रशासनिक पद अनुसार आईएएस अवार्ड दिया जाकर आईएएस के पदों पर पदोन्नत किया जाये। इसके अलावा होमगार्ड विभाग में डिवीजनल कमान्डेन्ट के पद पर पदौन्नत होने के उपरान्त आगे पदौन्नति के लिये केवल एक विभागीय पद एडिशनल कमान्डेन्ट जनरल का है जिसके कारण अन्य डिवीजनल कमान्डेन्टों को आगे पदौन्नति के अवसर नहीं मिल पाते हैं और वे उसी पद से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। अतः एडिशनल कमान्डेन्ट जनरल का पद समाप्त कर डीआईजी और उसके उपरान्त आईजी पदों पर पदौन्नति दी जाये जिससे कि विभाग में अन्य म0प्र0 लोक सेवा आयोग से चयनित हुये अधिकारियों को भी पदौन्नति के सुअवसर मिल सकें। यह मांग वरिष्ठ समाजसेवी श्रीप्रकाश सिह निमराजे, मीडिया से जहाॅआरा, डा.पुरूषोतम अर्गल, आदि कई संगठनों ने मुख्य सचिव, मुख्यसचिव, पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री आदि से मांग की है।
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