ऊषा ठाकुर पर एक्ट्रोसिटी एक्ट एवं अन्य आईपीसी की धाराओं में हो एफआईआर: जयस। कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

ऊषा ठाकुर पर एक्ट्रोसिटी एक्ट एवं अन्य आईपीसी की धाराओं में हो एफआईआर: जयस। कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन | New India Times

मप्र शासन की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री तथा महू विधायक ऊषा ठाकुर ने प्रदेश के डोंगरगांव स्थित आंबेडकर विश्वविद्यालय में उद्बोधन देेते हुए जय आदिवासी युवा शक्ति मंच (जयस) को देशद्रोही संगठन बताकर नष्ट करने के बयान का संपूर्ण प्रदेश में जयस द्वारा उग्र विरोध किया जा रहा है।
जयस का कहना है कि मंत्री ऊषा ठाकुर ने ऐसा भड़काऊ एवं विवादास्पद बयान देकर आदिवासी समाज के हितों के लिए कार्य करने वाले इस संगठन का अपमान करने के साथ ही समस्त आदिवासी समाज का भी अपमान किया है। जिसे देखते हुए जयस द्वारा 21 सितंबर को पूरे प्रदेष में इसका उग्र विरोध कहीं मंत्री ठाकुर का पुतला दहन, कहीं प्रदर्शन तो कहीं ज्ञापन देकर उनके विरूद्ध एक्ट्रोसिटी एक्ट एवं अन्य आईपीसी की धाराओं में एफआईआर दर्ज करते हुुए गिरफ्तार करने की मांग की गई है।

जिला मुख्यालय झाबुआ पर जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन द्वारा 21 सितंबर, सोेमवार दोपहर 11.30 बजे कलेक्ट्रोरेट पहुंचकर जिला कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर एसपीएस चैहान को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल कटारा के नेतृत्व में प्रेषित किया। जिसमें उल्लेख किया गया कि गत 19 सितंबर को डोंगरगांव स्थित अंबेडकर विष्वविद्यालय मंे मप्र शासन की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने पूरे होश-हवास में बयान देते हुए जयस को देषद्रोही संगठन बताकर इसे नष्ट करने जैसे बयान देकर जयस कार्यकर्ताओं के खिलाफ लोगों को भडकाने एवं सामाजिक अषांति फेैलाने आदि जैसे कार्य किए गए हैं।
मंत्री ठाकुर का बयान काफी निंदनीय एवं अषोभनीय
ज्ञापन मंें आगे बताया कि जयस संगठन संविधान की पांचवी अनुसूचि, वनाधिकार कानून, पैसा कानून समेत आादिवासी-गरीबों के अन्य संवैधानिक अधिकारों के लिए निरंतर कार्य करता आ रहा है। ऐसे में एक मंत्री का यह बयान काफी निंदनीय होकर अशोभनीय भी है। यह बयान सोष्यल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। मीडिया में भी यह बयान प्रकाषित हो चुका है। उषा ठाकुुर के उक्त बयान से सामाजिक अषांति एवं वैमनस्य भाव फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
सख्त कार्रवाई की मांग
ज्ञापन में कहा कि मंत्री ठाकुर द्वारा यह विवादास्पद बयान दुुर्भावनापूर्वक दिया गया है। जिससे जयस सहित आदिवासी समाज में भी तीव्र आक्रोेष है। अतः ज्ञापन में संगठन द्वारा आदिवासी बाहुल अनुुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी संगठनों कोे प्रतिबंधित किया जाने तथा मंत्री उषा ठाकुर के विरूद्ध एक्ट्रोसिटी एक्ट और अन्य आईपीसी की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर गिरफतार करने की मांग की गई।

ज्ञापन सौंपते समय विषेष रूप से जयस केे प्रदेश कार्यालय प्रभारी अमर चैहान केे साथ कार्यकर्ताओं में अजय भूरिया, राजेश भूरिया, विनोद मेड़ा, शैतानसिंह भूरियाा, अमरसिंह भाबोर सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। मंत्री ठाकुर के बयान का विरोध जयस द्वारा प्रदेश स्तरीय आह्वान पर जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में किया गया।


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