आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
कोविड वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित युवती ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाएं और लापरवाही को उजागर किया है। युवती का आरोप है कि आईसीयू में भर्ती उसकी मां की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हुई है।
युवती ने बताया कि कोरोना संक्रमित उसकी मां को आईसीयू में रखा गया था। 3-4 अगस्त की रात लगभग 3:30 बजे मां का मोबाइल पर कॉल आया। मां ने बताया कि उन्हें प्यास लगी है और काफी देर से वे स्टाफ को आवाज लगा रही हैं लेकिन यूनिट में कोई सुन नहीं रहा है। इसके बाद मैंने सीएस मैडम को फोन कर समस्या बताई। सीएस ने डॉक्टर को यूनिट में भेजने का आश्वासन दिया। 3 बजकर 42 मिनट पर दोबारा मां से बात हुई उन्होंने बताया कि अभी तक डॉक्टर या स्टाफ नहीं आया है। 4 बजकर 11 मिनट पर आखिरी बार मां से बात हुई तब भी उन्हें पानी देने कोई नहीं आया था। इसके बाद कई बार मां को मोबाइल पर संपर्क किया लेकिन उनका फोन नहीं उठा। सुबह तहसीलदार ने फोन कर बताया कि मां की मौत हो चुकी है। युवती का आरोप है कि उनकी बीमार मां पानी के लिए तड़पती रही और उन्हें पानी नहीं मिला और आखिरकार उनकी मौत हो गई।
युवती ने जारी वीडियो में बताया कि उनके पिता भी कोरोना संक्रमित हैं, मां की मौत से आहत पिता की हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। यूनिट में वेंटिलेटर पर एक अन्य मरीज था जिसके वेंटिलेटर का ऑक्सीजन का पाइप निकल गया था। पिता ने यूनिट के वार्ड बॉय को ऑक्सीजन पाइप लगाने के लिए कहा तो वार्ड बॉय उल्टा उन्हें ही पाइप लगाने की बात कहकर वहां से चला गया। मेडिकल संबंधी जानकारी न होने से उनके पिता वेंटिलेटर पर तड़प रहे मरीज की मदद नहीं कर पाए। आखिरकार तड़प-तड़प कर उस मरीज की भी जान चली गई लेकिन मरीज को देखने यूनिट में न तो डॉक्टर आए और न ही स्टाफ। भर्ती मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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