मो. मुजम्मिल/मो. जलील, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
जुन्नारदेव शहर में संचालित भारत सरकार की एक मात्र दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल अपनी दूर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है। मोबाइल के दौर में लैंडलाइन फोन उपभोक्ताओं में भारी कमी आई है वहीं मोबाइल सिम की विभिन्न कंपनियों के कॉम्पिटिशन में बीएसएनएल धर्राशाई हो गई।
बीएसएनएल के उपभोक्ताओं की मानें तो कई-कई दिन नेटवर्क की समस्या से जूझाना पड़ता है एवं सिम खराब हो जाने के दौरान रिप्लेसमेंट के लिए कई कई दिन बीएसएनल कार्यालय के चक्कर लगाने के बावजूद भी सिम रिप्लेस नहीं किए जाने से उपभोक्ता अपने आप को मानसिक एवं आर्थिक रूप से ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जहां एक और अर्धशासकीय सिम कंपनियां के द्वारा उपभोक्ताओं को विभिन्न पैकेज एवं सहूलियतें दी जाती है वहीं बीएसएनएल के उपभोक्ताओं के साथ सेवा में कमी जिम्मेदार लोगों द्वारा किया जाता है और ना ही दूसरी कंपनियों की सिम बीएसएनएल में कन्वर्ट करने हेतु कोई भी स्टाल लगाई जाती है। अधिकारियों की लापरवाही बीएसएनएल की निम्न स्तर की सेवाओं के कारण अनेकों बीएसएनएल के उपभोक्ता विभिन्न कंपनियों की सिम में अपने नंबर पोर्ट करवा चुके हैं। विभिन्न कंपनियों की 4G सिम के सामने 3G बीएसएनएल का नेटवर्क भी कई कई बार आता जाता रहता है एसे में बीएसएनएल के उपभोक्ताओं में आये दिन भारी कमी आ रही है। वहीं लोगों के अनुसार बीएसएनएल कार्यालय जाने के पश्चात भी नई सिम उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कई बार तो ऑफिस में बीएसएनएल के नुमाइंदे ही नदारद रहते हैं और ना ही शहर के मुख बाजार क्षेत्र में बीएसएनएल से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी हेतु कोई भी सब डीलर मौजूद है। बीएसएनएल की सिम के खरीददारों को बाजार की मोबाइल शॉप सिम विक्रेताओं से संपर्क कर सिम का ऑर्डर दिए जाने के पश्चात लगभग 2 से 3 दिन बाद ही सिम उपलब्ध हो पाती है। विभाग के जिम्मेदार नुमाइंदों की लापरवाही के कारण बीएसएनएल दूसरी कंपनियों की अपेक्षा अंतिम स्थान पर पहुंच चुका है।
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