अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
भोपाल से कांग्रेसी विधायक आरिफ मसूद नें आज पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कहा कि शहर क़ाज़ी जनाब अब्दुल हमीद क़ादरी साहब की मृत्यु की खबर से ग्वालियर क्षेत्र में शोक की लहर थी। क़ाज़ी साहब एक प्रतिष्ठित व्यक्ति एवं धर्मगुरू थे, जब उनका जनाज़ा ले जाया जा रहा था तो रास्ते में उनके जनाज़े में लोग शामिल हो गए। इसको लेकर ग्वालियर प्रशासन द्वारा शहर क़ाज़ी सा. के जनाज़े में शामिल उनके बेटे अब्दुल अज़ीम क़ादरी, अब्दुल समद क़ादरी व अन्य पर धारा 188, 269, 270 सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया गया है, जबकि प्रशासन को यह मालूम था कि शहर क़ाज़ी साहब धर्मगुरू हैं उनके जनाज़े की ख़बर सुनते ही लोग इकट्ठा होंगे इसको देखते हुए प्रशासन को पुलिस की व्यवस्था करना चाहिए थी लेकिन प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की।
आगे विधायक आरिफ मसूद ने कहा पुलिस द्वारा पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की गई है जबकि दूसरी ओर दिनांक 18 मई को मध्यप्रदेश के कटनी गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री उर्फ दद्दा जी का निधन मई 2020 में हुआ उनके अंतिम यात्रा में प्रदेश के नेता एवं मंत्रीयों सहित उनके अंतिम संस्कार में हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए। समाचार पत्रों एवं टी.वी. चैनलों ने जिसको प्रमुख्ता से दिखाया। दूसरी ओर मध्यप्रदेश के मंत्री गोविन्द राजपूत जी द्वारा सागर के राहतगढ़ में सोनू सोनी के गार्डन में इनके द्वार पाॅच सौ समर्थकों की भीड़ को इकट्ठा कर नारेबाज़ी की गई इन लोगों पर कोई कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं की गई है।
आगे आरिफ मसूद ने कहा कि बहुत अफ़सोसनाक बात है क्योंकि इस समय उनका परिवार गहरे सदमें में हैं और ग्वालियर शहर की एक बड़ी हस्ती दुनिया से चली गई शहर केे लोग भी ग़मज़दा हैं ऐसे समय में इनके बेटों पर मुक़दमा दर्ज करना मानवता के खिलाफ है क्योंकि शहर क़ाज़ी साहब की मृत्यु का किसी को कोई निमंत्रण नहीं दिया गया लोग खुद ही जनाज़े में शामिल हुए क्योंकि शहर की एक बड़ी हस्ती थे पुलिस द्वारा उनके बेटों पर प्रकरण दर्ज करना न्यायोचित नहीं लगता पत्र में पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि संपूर्ण मामले की जाॅच कर उनके बेटों पर लगा प्रकरण वापस लिया जाए।
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