सचीव सरकार से आरपार की लड़ाई लडने के लिए 3 मई को भोपाल में करेंगे प्रदर्शन | New India Times

तारिक खान, रायसेन (मप्र ), NIT; ​
सचीव सरकार से आरपार की लड़ाई लडने के लिए 3 मई को भोपाल में करेंगे प्रदर्शन | New India Timesशिवराज सिंह चौहान ये न समझे कि 2018 की डगर उनके लिए सरल है। वे इस गलतफहमी में न रहे कि तानाशाही एवं धमकियों के बाद मध्य प्रदेश का सचिव डर कर वापिस हो जाएगा। मध्य प्रदेश के सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से कई बार मिन्नतें कीं। पर जुलानिया के प्रेम की पट्टी उनकी आंखों से नही उतरी। अब सचिव अपनी मांगों को लेकर सरकार से मिन्नतें नहीं करेगा, बल्कि अब सचिव संघ सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। ताकि सरकार खुद ही सचिवों की सभी मांगें मानने को मजबूर हो जाए। उक्त बात गैरतगंज में हड़ताल पर बैठे सचिवों के बीच पहुंचे सचिव संघ के जिलाध्यक्ष गिरजेश शर्मा ने हड़ताल स्थल पर आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव जुलानिया जन विरोधी नीतियों को लागू कर आमजन के शोषण का मसौदा तैयार कर रहे हैं। वे पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव तक को ठेंगा दिखाकर अपनी मर्ज़ी से मध्य प्रदेश की जनता के विकास में बाधाएं पैदा कर रहे है।मुख्यमंत्री की आड़ में कई ऐसे निर्णय ले रहे है जिनके लागू होने के साथ मध्य प्रदेश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सचिवो की लड़ाई खुद के स्वार्थ की लड़ाई नही है बल्कि आमजन के हक की लड़ाई है। इस दौरान 3 मई 2017 को भोपाल में पूरे मध्य प्रदेश के सचिवों को एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर चर्चा हुई। इस मौके पर मौजूद सचिव संघ गैरतगंज के अध्यक्ष गौरी शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि सचिवों के इस प्रदर्शन में मध्य प्रदेश के सरपंच भी शामिल हैं। गैरतगंज से सरपंच एवं सचिव बड़ी संख्या में भोपाल पहुंचेंगे।

उन्होंने बताया कि सरकार से बातचीत करने का समय खत्म हो गया है। अब करो या मरो की स्थिति आ गई है। सरकार भले ही सचिवों की मांगे न माने, और उन्हें डराकर हड़ताल वापिस लेने की बात कहे, पर सचिव मांगें पूरी न होने तक सरकार का पीछा नहीं छोड़ेंगे। भोपाल प्रदर्शन के दौरान सरकार को अब मांगें पूरी होने का दबाब हम नहीं डालेंगे। बल्कि अब सरकार को सचिव एवं सरपंच संघ अपनी ताकत बताएगा। 2018 के चुनाव में सरकार का बजूद मिटा देने का संकल्प लेकर सचिव सरकार को घेरेंगे और सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे।


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