रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
लॉक डाउन के बावजूद पूरे जिले में मेघनगर रेलवे स्टेशन ही एक मात्र ऐसा स्टेशन था जहां से यात्रियों को घर पहुंचने की खुशियाँ दिखाई दे रही थीं। लंबे इंतजार के बाद शासन द्वारा सभी मजदूरों को अपने-अपने राज्यों में रवाना करने के क्रम में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। मध्य प्रदेश के मेघनगर स्टेशन पर भी गुरुवार तक कुल 11 ट्रेनें भेजी गई जिनमें करीब 20000 यात्री यहां पहुंचे। इनको स्थानीय प्रशासन के द्वारा तमाम सेवाएं प्रदान की गई।
अन्य राज्यों से आने वाले मजदूर इन सेवाओं से खुश थे। मेघनगर प्लेटफार्म पर इन मजदूरों को कई संगठनों के लोग कोई चप्पल पहना रहा था तो कोई भोजन वितरण कर रहा था तो कोई पानी पिला रहा था तरहा -तरहा की
उपयोगी वस्तुएं देकर पुण्य (सवाब) का काम कर रहा था।
इस विकट संकट की घड़ी में प्रशासन के पूर्णत सहयोग से अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने की खुशी दोगुनी हो गई।
इन 6 दिनों में एक दिन ऐसा भी आया जब प्रशासन की तत्परता से एक गर्भवती महिला ने ट्रेन से उतरने के कुछ मिनटों बाद ही जुड़वा बच्चियों को मेघनगर शासकीय अस्पताल में जन्म दिया।
प्रशासन की तत्परता को परिजन देखते ही रह गए।
इन 6 दिनों में करीब बीस हजार यात्रियों को अविलंब तथा सकुशल अपने अपने गंतव्य स्थलों पर पहुंचाना कोई साधारण कार्य नहीं था।
इस असाधारण कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए मेघनगर के बहुत ही सरल अनुविभागीय अधिकारी पराग जैन, नायब तहसीलदार अजयसिंह चौहान, नगर परिषद अधिकारी विकास डावर, नगर परिषद के राजा टाक एसडीओपी मनोहरलाल गवली, थाना प्रभारी कौशल्या चौहान, रेलवे स्टेशन मास्टर, जीआरपी पुलिस दल एवं आरपीएफ पुलिस दल तथा ड्यूटी में लगे कोतवारो शिक्षको सफाईकर्मियों आदि का सराहनीय सहयोग रहा।
जिला कलेक्टर प्रबल सिपाहा पुलिस कप्तान ने भी यहाँ का निरीक्षण किया।
सांसद गुमानसिंह डामोर, विधायक वीरसिंग भूरिया,जयस सामाजिक संगठन के सदस्य आदि ने भी रेलवे स्टेशन का दौरा किया।
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