मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के साथ हो रही लापरवाही पर मेडिकल विंग समन्वय रवि परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिख कर व्यक्त की अपनी चिंताएं | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के साथ हो रही लापरवाही पर मेडिकल विंग समन्वय रवि परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिख कर व्यक्त की अपनी चिंताएं | New India Times

मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के साथ हो रही लापरवाही पर चिंता व्यक्त करते हुए एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। परमार ने पत्र के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कोरोना वॉरियर्स की समस्या बताते हुए कहा कि कोरोना वॉरियर्स बिना अपने घर परिवार और अपनी जान की चिंता किए दिन-रात कोरोना से लड़ रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार और अस्पताल द्वारा उनके स्वास्थ्य और जान से बहुत बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। रवि के अनुसार कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रहे हमारे रक्षक सुरक्षा उपकरणों के अभाव में लगातार अपनी जान गवां रहे हैं साथ ही सरकार को कोरोना टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाना चाहिए जिससे कि जल्दी कोरोना मरीज की जांच हो पाए।

रवि परमार ने माननीय मंत्री को मध्य प्रदेश के भिन्न भिन्न हॉस्पिटलों में हो रही समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि आज प्रदेश के प्रत्येक जिले में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा खतरे में है।

मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के साथ हो रही लापरवाही पर मेडिकल विंग समन्वय रवि परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिख कर व्यक्त की अपनी चिंताएं | New India Times
मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के साथ हो रही लापरवाही पर मेडिकल विंग समन्वय रवि परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिख कर व्यक्त की अपनी चिंताएं | New India Times

रवि ने अपने पत्र में जिन हॉस्पिटल का जिक्र किया है उनमें प्रमुख रूप से राजधानी भोपाल स्थिति एम्स चिकित्सालय, गांधी मेडिकल कॉलेज, जयप्रकाश चिकित्सालय भोपाल और एमवाय चिकित्सालय इंदौर शामिल है।

  1. भोपाल एम्स -: प्रदेश में सबसे ज्यादा बदतर हालत एम्स की है जिसमें कि नर्सिंग स्टाफ को मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, नर्सिंग स्टाफ को सड़ा गला बिना पका हुआ खाना दिया जा रहा है जिससे उनके स्वास्थ्य को खतरा है। साथ ही उनको आवश्यकतानुसार सैनिटाइजर , पीपीई किट और मास्क भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं जो कि उनके साथ खिलवाड़ हैं , वहीं स्टाफ के साथ साथ मरीजों के साथ भी लापरवाही बढ़ती जा रही है जोकि कोई नई बात नहीं है भोपाल एम्स में हमेशा लापरवाही होती रही है लेकिन उसमे अब सुधार की अत्यधिक आवश्यकता है |
    नर्सिंग स्टाफ ने इसकी शिकायत की तो डायरेक्टर द्वारा वहां से निकालने की धमकी दी गई डायरेक्टर को एनएसयूआई ने भी पत्र लिखकर शिकायत की थी उसका भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया |
  2. हमीदिया ( गांधी मेडिकल ) भोपाल -: जहां केंद्र सरकार कोरोना से सतर्क हैं वही भोपाल के हमीदिया चिकित्सालय में स्टाफ के साथ लापरवाही बरती जा रही है स्टाफ को ना तो ठीक से खाना दिया जा रहा है और ना ही उनके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कुछ दिन पहले दो जूनियर डॉक्टर के पॉजिटिव आने से हॉस्पिटल का समस्त स्टाफ दहशत में था उसके बावजूद भी बिना किसी सुरक्षा के उन पर दबाव बनाकर उनसे काम करवाया गया उसका नतीजा यह हुआ कि यहां संक्रमण 100 से अधिक लोगों में फैल गया।
  3. जयप्रकाश चिकित्सालय भोपाल -: यहां पर भी वही हाल है प्रदेश की राजधानी भोपाल का जिला चिकित्सालय लेकिन यहां पर भी स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं ।
  4. एमवाय हॉस्पिटल इंदौर -: एम वाई हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण यहां के कई स्टॉप संक्रमित हो गए लेकिन उसके बावजूद हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा उनकी सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया।

परमार ने पत्र के माध्यम से माननीय मंत्री जी को समस्या अवगत कराते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के कोरोना योद्धा (डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी) अपने अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं लेकिन सरकार द्वारा उनके सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया और ना ही चिकित्सालय में कोई सुरक्षा का इंतजाम किया गया जो चिंताजनक है।

परमार ने मंत्री महोदय से अनुरोध किया है कि जो लोग कोरोना से प्रदेश की जनता की रक्षा कर रहे हैं अगर वही असुरक्षित हैं तो बाकियों का क्या हाल होगा ये सोचने योग्य विषय है अतः आपसे निवेदन है कि कोरोना वारियर्स के लिए समुचित व्यवस्था करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें।


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