शाहनवाज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
पाकी आधा ईमान है इसलिए साफ-सुथरे रहें। पैगम्बर हजरत मोहम्मद (सल.) के बताए हुए तरीकों पर अमल करें। इससे कोरोना ही नहीं, हर तरह की बीमारी से बचाव होगा। बार-बार वुजू करते रहें। कोरोना से बचने के लिए जिन दुआओं को पढ़ने के लिए इस्लामी किताबों में लिखा है, उन्हें लगातार पढ़ते रहें। यह बात प्रदेश संयोजक मुस्लिम समाज नूर उल्लाह यूसुफ जई ने मुस्लिम समाज और प्रदेश के नागरिकों से अपील करते हुए कही। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए स्वच्छता और पाकीजगी के साथ ही भीड़-भाड़ से दूर रहने और ऐसे आयोजनों को फिल्हाल निरस्त करने के साथ ही मस्जिदों व घरों में शहर व देश के लिए कोरोना से बचाव की दुआएं मांगने की अपील भी की है।
प्रदेश संयोजक ने बताया कि विश्व भर में कोरोना वायरस के कारण हजारों लोग अपनी जिंदगियां गंवा चुके हैं। अब देश में भी कोरोना के मरीज बढ़ रहें हैं। वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी पूरी शिद्दत के साथ निभानी होगी। सभी को इसे अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझना होगा। वायरस को फैलने से रोकने के लिए भीड़-भाड़ को कम करना सबसे ज्यादा कारगर है। इसके लिए मदरसों में होने वाले वार्षिक दीक्षांत समारोह व परीक्षाओं सहित ऐसे तमाम धार्मिक और सामाजिक आयोजन जिसमें भीड़ जुटनी हो, उन्हें आगे बढ़ा दिया जाए या निरस्त कर दिया जाए। इसके अलावा पूर्व से तय शादी समारोहों का आयोजन भी कम से कम लोगों के बीच किया जाए और नए आयोजनों को टाला जाए। उन्होंने सरकार और प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सहयोग करने की अपील भी लोगों से की है।
मस्जिदों में पढ़ें केवल फर्ज नमाज
प्रदेश संयोजक मुस्लिम समाज नूर उल्लाह यूसुफ जई ने मस्जिदों में भी एहतियात बरतने की सलाह दी है। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही वुजू बनाएं और सुन्नतें पढ़ लें, इसके बाद मस्जिद में जाकर फर्ज नमाज अदा करें और बाकी सुन्नत व नफ्ल नमाज वापस घर आकर पढ़ें। मस्जिदों में आपस में बातें न करें और बिना जरूरत भीड़ न लगाएं। इससे मस्जिदों में फर्ज नमाज भी अदा हो जाएगी और अधिक समय तक भीड़ भी नहीं रहेगी। मस्जिदों, मदरसों व धार्मिक जगहों पर साफ सफाई अधिक से अधिक करें और करवाएं।
अफवाहों से बचें, एहतियात बरतें
प्रदेश संयोजक मुस्लिम समाज ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं हैं। एहतियात बरतें और अफवाहों पर ध्यान न दें। यदि किसी को भी सर्दी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होती है तो वह तुरंत डाक्टर को दिखाए और अपनी जांच करवाएं। सोशल मीडिया में आने वाले संदेशों की पहले पुष्टी कर लें और उसके बाद ही उसे सही मानें। बिना सोचे-समझे और सच्चाई को जाने कोरोना से जुड़े किसी भी तरह के संदेश सोशल मीडिया पर न डालें।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.