अंकित तिवारी, ब्यूरो चीफ, प्रयागराज (यूपी), NIT:
मंसूर अली पार्क में एनपीआर, एनआरसी और सीएए के खिलाफ चल रहे धरने के 27वें दिन जहाँ बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं वहीं करैली, अटाला, रसूलपुर, लखनपुर, मंदर, बख्शीमोढ़ा, अंधीपुर आदि मोहल्लों से सैकड़ों महिलाएं तिरंगे झण्डे के साथ जुलूस लेकर मंसूर पार्क पहुंचीं। धरने में पटना की प्रसिद्ध कल्चरल टीम हेरावल के सदस्यों ने नाटक और गीत के माध्यम से एनपीआर, एनआरसी और सीएए पर हमला बोला।
इलाहाबाद विश्वविद्धालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष श्याम कृष्ण पाण्डेय ने महिला प्रदर्शनकारीयों को सम्बोधित करते हुए काले क़ानून को केन्द्र सरकार की हठधर्मिता बताते हुए कहा कि यह क़ानून बाबा साहब के बनाए संविधान के खिलाफ है। इस क़ानून के दायरे में सिर्फ मुसलमान ही नहीं पिसेगा बल्कि सभी समाज के लोग इसका शिकार बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह हठधर्मी छोड़कर इसका समाधान निकालें, यह देश की एक्ता और अखण्डता को खण्डित करने वाला क़ानून होगा। उन्होंने कहा कि बडे़ दुख की बात है कि आज देश में बेरोजगारी, महंगाई पर चर्चा नहीं की जाती जब्कि हिन्दू मुसलमान, गाय, गोबर, लव जेहाद और विघटकारी बातें फैला कर देश के माहौल को प्रदूषित किया जा रहा है। हम इस काले क़ानून को नहीं मानेंगे और जो लोग इसका समर्थन कर रहे हैं उनके लिए ईश्वर से कामना करते हैं की उन्हें सदबुद्धि दे और वह भी इस क़ानून का विरोध करें।वरिष्ठ रंग कर्मी क़मरुल इस्लाम आज दूसरे दिन भी मंसूर अली पार्क में डटे रहे। उन्होंने अपनी गीत मण्डली के साथ आओ हमारे साथ चलो, माँ बेटियों और नौजवानो आओ हमारे साथ चलो जैसे गीत के माध्यम से प्रदर्शनकारीयों के हौसले को बढ़ाया। धरने में कई अन्य वक्ताओं ने भी सरकार से इसे वापिस लेने की मांग करते हुए महिलाओं को समर्थन देने की बात कही। सबीहा मोहानी, सायरा अहमद, ज़ीशान रहमानी, उमर खालिद, सै० मो० अस्करी, अब्दुल्ला तेहामी, यथांश केसरवानी, पप्पू पासी, राकेश यादव, धीरेन्द्र, प्रमोद गुप्ता, तारिक़ खान, नफीस अनवर, इरशाद उल्ला, शोएब अन्सारी, शाहिद अली राजू, अकिलुर्रहमान, मुजफ्फर बाग़ी, मो० आज़म, रमीज़ अहसन आदि ने भी अपने विचार रखे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.