अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
जमीअत उलमा मध्यप्रदेश की टीम ने सीएए, एनआरसी के खिलाफ कभी धरना प्रदर्शन कर, कभी हस्ताक्षर अभियान चला कर, कभी कैरी बैग पर सीएए, एनआरसी, एनपीआर वापस लो का नारा लिख कर लगातार विरोध करती चली आ रही है।
जमीयत उलमा हिंद के प्रदेश प्रेस सचिव हाजी इमरान ने NIT से बात करते हुऐ बताया कि हमने अपनी मुहिम में सीएए-एनआरसी के विरोध का हर तरीका जोड़ा है। हम ने लोगों को जूट से बने कैरी बेग पर सीएए, एनआरसी, एनपीआर वापस लो का नारा लिख कर वितरित करने की शुरूआत भी कर दी है क्योंकि यह मुद्दा 140 करोड़ भारत वासियों का मुद्दा है। देश की तररक़ी खुशहाली को क़ायम रखने के लिए हर एक को अपनी एकता अखंडता मज़बूती से दिखानी होगी और भारत की गंगा जमनी तहज़ीब को क़ायम रखने के लिए अपने अपने तौर पर कोशिशें जारी रखनी होंगी। आज फिर हमारे मुल्क़ को उसी एकता की ज़रूरत है जो देश की आज़ादी के समय दिखाई गई थी। इस काले क़ानून के खिलाफ आवाज़ कोई भी उठाए हमें सबकी आवाज़ के साथ आवाज़ बुलंद करने की ज़रूरत है।
हाजी इमरान ने कहा कि जमीअत उलमा द्वारा एक माह तक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसे आज समापन कर भोपाल शहर के डाक विभाग के ज़रिए हाजी मोहम्मद इमरान, हाफ़िज़ इस्माईल बेग, फईमउद्दीन चौधरी, मुफ़्ती मोहम्मद राफे, मोहम्मद कलीम एडवोकेट, गुलरेज भाई, यावर भाई, मुजाहिद मोहम्मद खान, मुफ़्ती मोहम्मद राफे, फरहान खान, अशरफ भाई, मौलाना अज़हर नदवी आदि लोगों द्वारा सवा लाख हस्ताक्षर के साथ सीडी की शक्ल में ज्ञापन के साथ महामाहिम राष्ट्रपति भारत सरकार एवं चीफ जस्टिस आफ इंडिया सुप्रीम कोर्ट को जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून साहब के मार्गदर्शन में ज्ञापन के साथ भेजा गया ताकि इस काले क़ानून के खिलाफ आम जन की राय महामहिम राष्ट्रपति एवं चीफ जस्टिस आफ इंडिया तक पहुंच सके। जमीअत उलमा का हस्ताक्षर अभियान बताता है कि आम जनता भारत सरकार से क्या चाहती है। NRC, CAA, NPR, हो या धर्म जाती समाज के आधार पर बनाया जाने वाला कोई क़ानून भारत की जनता को मंजूर नहीं है जो देश की एकता और भाई चारे को तोड़ता हो आज राष्ट्रपति मोहदय एवं चीफ जस्टिस आफ इंडिया को यह ज्ञापन इसी उद्देश्य से भेजा गया है।
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