सलीम शेख, मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र में किसी भी हाल में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी लागू नहीं होगा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात के यह दौरान आश्वासन दिया।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी देशहित के लिए खतरा है, इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए, यह बात समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष विधायक अबू आसिम आजमी ने यहां सह्याद्रि अतिथि गृह में मुस्लिम समाज के करीब 100 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान कही।
अबू आसिम आज़मी के अलावा मुस्लिम विधायक रईस शेख, अमिन पटेल, नवाब मलिक ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात के दौरान महाराष्ट्र में एनआरसी लागू न करने की बात की। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून की कोई जरुरत नहीं है, ऐसे में राज्य में किसी भी हाल में सीएए और एनआरसी लागू नहीं होगा। किसी भी समाज के लोगों को डरने की जरुरत नहीं है।
आजमी ने मुख्यमंत्री को बताया कि एनआरसी अमन के लिए खतरा है इसलिए इसे राज्य में लागू नहीं किया जाए। आजमी ने बताया कि दोनों कानून देश के अमन -शांति के लिए खतरा है। इस दौरान मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए समाज मुख्यमंत्री के साथ है। उद्धव ठाकरे ने मुस्लिम समाज को आश्वस्त किया और कहा कि किसी को डरने की जरुरत नहीं है। आप लोग निश्चिन्त रहें यहां एनआरसी और सीएए की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी और डिटेंकशन सेंटर हिन्दुस्तानियों के लिए नहीं बल्कि नाइजीरियन और अन्य देशों के नागरिकों के लिए है। एनआरसी के लिए महाराष्ट्र में कहीं भी कोई डिटेंकशन सेंटर नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि मेरा वचन है कि एनआरसी में कोई भी नागरिक नहीं आएगा। समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के किए प्रयास करते रहें। राज्य में शांति और अमन की जरुरत है। उन्होंने जनता से सहयोग की अपील की। इस दौरान अबू आसिम आजमी ने मुख्यमंत्री उद्धव के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि एन आर सी और नागरिकता संशोधन कानून से पूरे हिंदुस्तान में मुस्लिम समाज में डर और बेचैनी है। यही कारण है कि राज्य में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान पुलिस ने परभणी और बीड में आंदोलन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की है। ऐसे मामलों मे दर्ज किये जाने वाले के खिलाफ नरमी बरतने की मांग आजमी ने मुख्यमंत्री से की। आजमी ने बताया कि आंदोलन का मकसद अपनी आवाज बुलंद करना था। आजमी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि राज्य में एन आर सी और नागरिकता संशोधन कानून न लागू करें। आजमी ने कहा कि दोनों कानूनों से मुसलमानों से अधिक हिन्दुओं के लिए भी नुकसानदायक है।
प्रतिनिधिमंडल में आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी, उलेमा काउन्सिल के प्रेसिडेंट मौलाना मेहमूद दरियाबादी, सपा प्रवक्ता अब्दुल कादिर चौधरी, सरफराज आरजू, हाफिज रेशमवाला, मौलाना इकबाल कासमी मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद अजीज कुरैशी, सईद हमीद, फ़हद अहमद अली एम शम्सी, मेराज सिद्दीकी, रुखसाना सिद्दीकी जमात- ए – उलेमा हिन्द महाराष्ट्र के अध्यक्ष हाफिज नदीम सिद्दीकी, जमात ए अहले सुन्नत के प्रेसिडेंट मौलाना एजाज कश्मीरी, मौलाना अब्दुल सलाम शल्फी, अजीज हैदर जैदी, मोहम्मद अली कुरैशी, मिल्ली तहरीक फाउंडेशन के परवेज सिद्दीकी, जाकिर खान सहित सलीम अख्तर, हरगुल सिंह, एड फिरदौस मिर्जा, डॉ शकील सत्तार, जुल्फिकार आजमी, जफर अली, जुबेर शेख व अन्य मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि शामिल थे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.