सीतापुर जिले के तंबौर में "सर सैयद अहमद खां एक जीनियस पर्सन" विषयक पर हुआ सेमिनार का आयोजन | New India Times

हाशिम अंसारी, ब्यूरो चीफ, सीतापुर (यूपी), NIT:

सीतापुर जिले के तंबौर में "सर सैयद अहमद खां एक जीनियस पर्सन" विषयक पर हुआ सेमिनार का आयोजन | New India Times

सीतापुर जिला के तंबौर में स्थिति इरम पब्लिक स्कूल में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां एक जीनियस पर्सन विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें सर सैयद अहमद खान पर विचार विमर्श किए गए। कार्यक्रम का आगाज कारी अब्दुल्ला ने पवित्र कुरआन के पाठ से किया। बज़्मे ख़वातीन की सदर बेगम शहनाज़ सिदरत ने सर सैयद अहमद खां के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सर सैयद के संघर्षों का ही परिणाम है कि आज अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित है।
आकाशवाणी लखनऊ के कार्यक्रम अधिकारी प्रतुल
जोशी ने कहा कि व्यक्ति अपने कर्मों से महान होता है। सर सैयद अहमद खां देश के महान शिक्षाविदों में से एक रहे हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमेशा याद किया जाता रहेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अयाज़ अहमद अय्यूबी अलीग ने कहा कि ये दुनिया सर सैयद अहमद खां को भुला नहीं पाएगी। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक मस्त हफ़ीज़ रहमानी ने कहा कि आज हम ऐसे व्यक्ति का जन्मदिन मना रहे हैं जिसने अपना पूरा जीवन शिक्षा के क्षेत्र में लगा दिया। मौलाना ज़की नूर नदवी ने कहा कि यदि हम बच्चों को शिक्षित करने में सहायता करें तो सर सैयद अहमद खां को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुफ़्ती मो0 खबीर नदवी ने कहा कि सर सैयद अहमद खां ने लोगों को पारंपरिक शिक्षा के स्थान पर आधुनिक ज्ञान हासिल करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि वह जानते थे कि आधुनिक शिक्षा के बिना प्रगति संभव नहीं है। सर सैयद अहमद खान अपने आलोचकों चाहे वे मुसलमान हों या हिंदू के द्वारा उठाये गए सवालों का जवाब नहीं दिया करते, केवल अपने काम पर ध्यान केंद्रित रखते। उनका मानना था कि अगर वे अपने आलोचनाओं पर गये, तो वे अपने मिशन में कभी कामयाब नहीं होंगे। इसी सहनशीलता का परिणाम है कि आज सर सैयद अहमद खान को एक युग पुरुष के रूप में याद किया जाता है और हिंदू तथा मुसलमान दोनों ही उनका आदर करते हैं। सर सैयद अहमद खान ने सदा ही यह बात अपने भाषणों में कही थी कि, ‘हिंदू और मुसलमान भारत की दो आंखें हैं, अगर इनमें से एक आंख थोड़ी सी भी ख़राब हो गयी तो इसकी सुंदरता जाती रहेगी’। स्नातक एमएलसी कांती सिंह के प्रतिनिधि राहुल वर्मा ने कहा कि सर सैयद के विचार आज भी प्रासंगिक है। आमिर जमाल ने नाते रसूल सुनाकर महफिल को नूरानी बना दिया। कार्यक्रम का संचालन अहमद खबीर ने किया। कार्यक्रम को डा0 शाहिद इक़बाल, डॉ0 जमालुद्दीन, शिक्षक विधायक प्रतिनिधि अफ़ज़ाल हुसैन, विशाल रस्तोगी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मौलाना
एजाज अहमद, मुन्ना मुज़म्मिल,अबुल खैर, कारी अब्दुल हलीम, जेड आर रहमानी एडवोकेट, मो0 आसिफ, उदय प्रताप सिंह, हलीम बेग, हाशिम गौरी आदि लोग मौजूद रहे।


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