चंबल नदी का जल स्तर हुआ खतरे के निशान के पार, प्रशासन अलर्ट पर | New India Times

यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:

चंबल नदी का जल स्तर हुआ खतरे के निशान के पार, प्रशासन अलर्ट पर | New India Times

राजस्थान के कोटा बैराज एवं काली सिंध द्वारा चंबल नदी में छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। चंबल नदी में पानी की आवक को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य के पुख्ता इंतजाम किए हैं। रविवार को जिला प्रभारी सचिव शुचि शर्मा, राज्य सरकार द्वारा भेजे गए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अभय कुमार, जिला कलक्टर नेहा गिरि एवं जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर राहत एवं बचाव कार्यो के संबंध में जानकारी दी।

जिला कलक्टर नेहा गिरि ने बताया कि चंबल में पानी की आवक के कारण जिले की 14 ग्राम पंचायतों के 49 गांव प्रभावित हुए हैं वहीं चंबल में पानी की आवक और अधिक बढ़ने की स्थिति में कुल 69 गांव प्रभावित होंगे। उन्होंने बताया कि जिले में चंबल के बढ़ते जल स्तर से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमे काम कर रही हैं। वहीं आपात स्थिति में सेना को बुलाने के लिए अलवर मिलट्री यूनिट के साथ जिला प्रशासन सम्पर्क में है तथा सेना के एक अधिकारी कैप्टन शेखर पानीगृही के नेतृत्व में सेना की टीम धौलपुर आ चुकी है। यहीं नहीं चंबल नदी के जल स्तर में और अधिक बढ़ोत्तरी तथा हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए एयर फोर्स के साथ भी राज्य सरकार के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा सम्पर्क स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन कोटा एवं सवाईमाधोपुर के जिला प्रशासन के साथ सीधे एवं सत्त सम्पर्क में है तथा चंबल नदी में पानी आवक पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि बढ़ते जल स्तर से राजाखेड़ा के अंडवा, पुरैनी, चाड़ीयान का पुरा, फरासपुरा, मेहदपुरा तथा चीलपुरा जैसे गांव के रास्ते में जल भराव हुआ है। इन प्रभावित गांवों के लोगों के लिए भोजन, परिवहन एवं चिकित्सा संबंधी व्यवस्थाएं की गई है। जिला कलक्टर ने बताया कि प्रभावित गांव से एक गर्भवती महिला को उच्च स्तरीय चिकित्सा के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। वहीं रात को रोशनी के लिए प्रभावित गांवों में केरोसिन वितरण के लिए व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि तेज बहाव के कारण मगरमच्छ आदि जलीय जीव नदी के किनारे बसे गांव में चले जाते है। इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों द्वारा एडवाईजरी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित इलाकों में कैम्प किए हुए है तथा राहत एवं बचाव कार्य जारी है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से आमजन से अपील करते हुए कहा कि चंबल में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए चंबल के किनारे तथा जल भराव वाले स्थानों पर बच्चे, बुुजुर्ग, महिलाए नहीं जाने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन हालात पर नजर रख रहा है लेकिन लोग स्वयं भी सावधान रहे, अपने और अपने परिवार के सदस्यों के साथ ही पशुधन का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि जल भराव तथा कोई अन्य अप्रिय स्थिति होने पर बाढ़ नियंत्राण कक्ष तथा उच्च अधिकारियों को सूचित करें। प्रेसवार्ता में सम्बन्धित विभागीय अधिकारी एवं मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।


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