सतीश पूनीया के रुप में भाजपा का जाट कार्ड कांग्रेस के लिये पड़ सकता है भारी | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:सतीश पूनीया के रुप में भाजपा का जाट कार्ड कांग्रेस के लिये पड़ सकता है भारी | New India Times

राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर किसी जाट नेता की नियुक्ति होने की संभावना के बीच आज अचानक भाजपा ने राजस्थान भाजपा अध्यक्ष पद पर जाट कार्ड खेलते हुये विधायक सतीश पूनीया के रुप में जाट नेता को पहले अध्यक्ष बनाने की घोषणा करके आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव में कांग्रेस के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है।
हालांकि राजस्थान कांग्रेस के सरदार हरलाल सिंह, परशराम मदेरणा, चौधरी रामनारायण, चौधरी नारायण सिंह व डाॅ. चंद्रभान जैसे जाट नेता अध्यक्ष रह चुके हैं। परम्परागत रुप से कांग्रेस विचारधारा वाली जाट जाति को 1998 में मदेरणा के बजाय अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद से कांग्रेस से दूरी बनाना शुरू किया था, जो धीरे धीरे एक खाई बनती गई। कांग्रेस-भाजपा से अलग नये जाट नेता के तौर पर उभरे अन्य जाट नेता हनुमान बेनीवाल के अभी हाल ही में सम्पन्न हुये लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ समझौता करके चुनाव लड़ने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूत्र वैभव गहलोत सहित कांग्रेस के सभी पच्चीस उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिये जाट नेता के रुप मे चल रहे हरीश चौधरी, सुभाष महरिया व रामेश्वर डूडी में कोई अध्यक्ष बन पाता है या नहीं पर यह तय है कि सतीश पूनीया के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस पार्टी पर नये सिरे से भारी दवाब जरुर बन गया माना जा रहा है।


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