संस्कार पब्लिक स्कूल में पर्यावरण के प्रति विघार्थियों को जागरुक करने के लिए किये गये पौधे वितरित | New India Times

साबिर खान/विनोद दीक्षित, मथुरा/लखनऊ (यूपी), NIT:

संस्कार पब्लिक स्कूल में पर्यावरण के प्रति विघार्थियों को जागरुक करने के लिए किये गये पौधे वितरित | New India Times

शनिवार 10 अगस्त को संस्कार पब्लिक स्कूल में पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए विद्यार्थियों को पौधे वितरित किये गये।
संस्कार पब्लिक स्कूल द्वारा समाज व विद्यार्थियों को अपने पर्यावरण के प्रति सजग करने के लिए पहले विद्यार्थियों को पेड-पौधों का महत्त्व समझाया गया साथ ही यह भी बताया गया कि अगर पृथ्वी से इसी प्रकार पेड़-पौधे समाप्त होते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब साँस लेने के लिए आँक्सीजन, पशु-पक्षियों के निवास स्थान, फर्नीचर या घर बनाने के लिए लकड़ी, खाना, औषधियां जैसी आवश्यक वस्तुयें भी बहुत महँगी मिलेंगी जिसे खरीदना आम इंसान की पहुँच के बाहर होगा।
विद्यार्थियों ने भी इस समस्या पर अपने विचार प्रस्तुत किये व शपथ ली कि हर विद्यार्थी अपने घर के आस-पास एक पेड़ लगायेगा व उसकी देख-रेख करेगा और हर तीन महीने बाद उस पेड़ की फोटो लेकर अपने शिक्षकों को अवश्य दिखायेगा। विद्यार्थियों का उत्साह देखते हुए विद्यालय प्रबन्धन ने विद्यार्थियों को पौधे भेंट किये।
विद्यालय के चेयरमैन श्री आर0 पी0 सिंघल जी द्वारा इस प्रेरणादायी कदम की प्रशंसाा की गई। मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आकाश सिंघल ने बताया कि पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण पेड़-पौधों का दिन प्रतिदिन कम होना है इसलिए ये अत्यन्त आवश्यक है कि अभी से विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया जाये। प्रधानाचार्या श्रीमती श्वेता शर्मा ने कहा कि देश या पर्यावरण को खुशहाल बनाना है तो विद्यार्थियों को उनकी जिम्मेदारी समझना अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।
इस अवसर पर विद्यालय मैनेजर श्रीमती राजेश्वरी शर्मा, काॅर्डिनेटर श्रीमती आरती शर्मा, श्रीमती चारू शर्मा, श्रीमती नीतू खण्डेलवाल, श्री मिथुन शर्मा, शिक्षक श्री कुलदीप चैधरी, शोभना सिंह आदि लोग मौजूद रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading