फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT; उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में इंग्लिश मीडियम कान्वेंट स्कूलों की चमक दमक अभिभावकों की जेब पर भरी पड रहा है। फीस के बढते बोझ के साथ स्कूली ड्रेस, किताबें और अन्य सामाग्री जो स्कूलों से ही लेनी पडती है, के लिए अभिभावकों की जेबें ढीली कर रही है। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा हर सामान पर मोटी रकम कमीशन के रूप में लिया जा रहा है।
बहराइच जिले में भी कान्वेंट स्कूलों की भरमार हो गई है। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही कान्वेंट स्कूलों द्वारा जगह जगह बैनर पोस्टर लगा कर उच्च शिक्षा का दावा करते नजर आने लगे हैं। इनकी चमक दमक में अभिभावकों को लुभा कर अभिभावकों की गाढ़ी मेहनत की कमाई लूटी जा रही है। आखिर निजी विद्यालयों पर कौन कसेगा शिकंजा या इनकी लूट खसोट ऐसे ही बढ़ती रहेगी। निजी विद्यालयों की मनमानी का हाल यह है कि किताबों से लेकर टाई, बेल्ट, जूते-मोज़े पर भी कमीशन खोरी जारी है।
इन विद्यालयों की किताबों का क्या कहना, मूल्य से कई गुना ज्यादा में किताबें खरीदनी पड़ती हैं। किताबों के दाम दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। अभिभावकों को अपने बच्चों को इन कान्वेंट स्कूलों में पढ़ाना लोहे के चने चबाना जैसा हो गया है, लेकिन मजबूरी में पढाना पड रहा है। मरता क्या न करता जैसा हाल बना हुआ है अभिभावकों का !
क्या प्रशासन, शिक्षा विभाग या योगी सरकार इन कान्वेंट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाएगी ??? इन स्कूलों की लूट खसोट पर शासन- प्रशासन क्या कार्रवाई करती यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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