त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश शासन जिस प्रकार पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा देने के लिये कई प्रकार की योजनाओं व सुविधाओं के माध्यम से वच्चों को शिक्षित कर रही है व उनकी सुरक्षा व्यवस्था की बात करती है, वही दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही देखने को मिल रही है। सुना शासकीय माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को जान जोखिम में डालकर शिक्षा देने को शिक्षक मजबूर है। यह मामला सागर जिले की देवरी तहसील के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सुना में शासकीय माध्यमिक शाला जिसमें बच्चों की दर्ज संख्या 153 है जो कि जर्जर स्कूल भवन में बैठकर शिक्षा लेने को मजबूर हैं। यहां कभी भी भवन में बडा हादसा हो सकता है। जब स्कूल के बच्चों व शिक्षक से जानकारी ली गई तो बताया गया कि भवन की छत से छ्प्पर के टुकडे गिरते रहते हैं जिससे कई बच्चों को चोट भी लग चुकी है। बरसात में पानी टपकता रहता है जिससे बच्चों को बडी़ परेशानी होती है। बैठने को तक जगह नही रहती है और जमीन का फर्श पूरा उखड गया है और दीवारों में दरारें पड़ चुकी है। स्कूल के अन्दर बरसात पानी भर जाता है ऐसी स्थिति में बच्चे शिक्षा लेने को मजबूर है जबकि उनकी जान को खतरा है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शायद प्रशासन व जनप्रतिनिधि व नेतागण अभी भी मामले को नजर अंदाज़ करने में लगे हुये हैं और किसी बड़े हादसा का इंतज़ार कर रहे हैं।
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