रहीम शेरानी, बांसवाड़ा (राजस्थान), NIT:
राजस्थान के जिला बांसवाड़ा उदयपुर संभाग स्थित वागोल पाश्र्वनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का कल श्री गणेश हो गया। कुशलगढ मे बैंड बाजे ढोल ताशे हाथी, घोड़े बग्गी के साथ आतिशबाजी करते हुए नगर के मुख्य मार्गो से शोभा यात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में समाज की महिलाएं सिर पर कलश लिए चल रही थी। पूरा क्षेत्र धर्ममय हो गया।
वागोल की पुन्य धरा राजस्थान के बांसवाडा जिले के कुशलगढ उपखंड क्षेत्र के जैन तीर्थ वागोल में पाश्वनाथ पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का श्री गणेश हुआ हिरन नदी के पावन तट पर स्थित दिगम्बर जैन अतिशय वागोल में भगवान पार्शव नाथ मे पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव और विश्व शांति महायज्ञ के तहत शनिवार को बेण्ड बाजो के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली गई व आज महोत्सव का श्री गणेश हुआ सकल दिगम्बर जैन, बीस पंथी समाज एवं प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के तत्वावधान में नगर मे शोभा यात्रा निकाली गई भव्य शोभा यात्रा में एरावत ( हाथी ) पर सौधर्म इन्द्र इन्द्राणी बने श्री हसमुख सैठ दंपती व मध्य में भगवान के माता पिता बने जयंतिलाल प्रेमकुवंर सेठ दंपती व धनपति कुबेर बने पंकज रागिनी सेठ विराजमान थे।
इस पवित्र धार्मिक महोत्सव में बग्घी के ईशान इन्द्र बने नरेश कुमार यशोदा बेन कट्टु सनत इन्द्र बने बागमल शकुंतला कोठारी महेन्द्र इन्द्र बने निर्भल मंजुला धिरावत ध्वजारोहण सोहनलाल दंपती शिखर कलश स्थापना विजय कोठारी मुख्य कलश स्थापना प्रदीप शीला सेठ ध्वजदण्ड स्थापना अशोक दोसी विधि पाण्डाल उद्घाटन विधि दिप प्रज्वलित का पुन्य मनोज सेठ के हाथो हुआ ! पवित्र धार्मिक आयोजन मे जैनाचार्य सुनिल सागर, महाराज सहित 50 पिच्छीधारी मुनी व आर्यकाओ का संसघ मंगल प्रवेश आज हुआ ! कुशलगढ मे जैन समाज ने भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई तो जगह जगह भव्य स्वागत सत्कार भी हुआ यह पवित्र महोत्सव पांच दिनो तक चलेगा।
इस पवित्र महोत्सव की संपूर्ण जानकारी जैन्तिसैठ द्वारा दी गई।
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