संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र) NIT:
जब तक मैं अन्न खाऊंगा जरूरतमंद को भी अन्न बांटूंगा, मैंने यह जीवन का सिद्धांत बना लिया है, यह कहना है गुड़ागुडी के नाके पर रहने वाले सिद्धान्त सिंह कुशवाह का। वे पिछले 4 साल से प्रत्येक रविवार को कमलाराजा अस्पताल में दाल-चावल तो कभी रोटी- सब्जी का वितरण करते हैं। आज इस पुनीत कार्य में सहयोग करने के लिये हम भी सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंचे। वाकई देने का सुख हमेशा लेने से ज्यादा होता है। काश लोगों की समझ में ये बात आए कि खुशी छीन कर खाने में नहीं वरन दूसरों को बांटने में मिलती है। भाई सिद्धान्त सिंह राधा-रानी फाउंडेशन के तहत पिछले 4-5 साल से बिना रुके-बिना थके अपना अन्न-दान कार्यक्रम चला रहे हैं। उनका कहना है कि राधा-रानी के आदेश से ही उन्होंने ये पुनीत कार्य शुरू किया था। इसलिये इसे चलाते रहने की सारी जिम्मेदारी भी उनकी ही है। उनकी इच्छा से ही मेरा मन इस में लगा हुआ है। वाकई निस्वार्थ रूप से जरूरतमंद को अन्न -दान करने वाले समाजसेवी समाज की बढ़ती सकारात्मक सोच का ही प्रतीक हैं।
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