हनुमान जयंती पर सरपंच ने बंदरों को कराई गई दस किलो चने की दावत, सरपंच के गाड़ी की आवाज सुनते ही जमा हो जाते हैं सैकड़ों बंदर | New India Times

इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:

हनुमान जयंती पर सरपंच ने बंदरों को कराई गई दस किलो चने की दावत, सरपंच के गाड़ी की आवाज सुनते ही जमा हो जाते हैं सैकड़ों बंदर | New India Times

हनुमान जंयती पर जहाँ सारे देश में मंदिरों में भगवान बजरंगबली की पूजा अर्चना हुई और बजरंगबली के जयकारे लगे तो वहीं इसी बीच हनुमान भक्त एक शख्स ने केसरीनंदन पवनपुत्र हनुमान जी के साक्षात दर्शन करने का मन बनाया और निकल गया घर से हनुमानजी की तलाश में, उसकी तलाश जंगल मे पूरी हुई जहां एक ही इशारे पर सैकड़ों बंदर आ गए।

बुलाने पर आगे क्या हुआ….

हनुमान जयंती पर सरपंच ने बंदरों को कराई गई दस किलो चने की दावत, सरपंच के गाड़ी की आवाज सुनते ही जमा हो जाते हैं सैकड़ों बंदर | New India Times

हनुमान जयंती यूँ तो देश भर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। लोग मंदिरों मठों, देवालयों में जब बजरंगबली की पूजा अर्चना और जयकारों में लगे थे तभी दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर बगदरी रोड पर ग्राम पंचायत बम्हौरी के सरपंच संतोष यादव घने जंगल में साक्षात भगवान हनुमान के अवतार बानर के दर्शन कर उनकी दावत में व्यस्त थे।
बम्हौरी के सरपंच संतोष यादव के चने की दावत पर घने जंगल में छिपे हुए बानर राज भी एक आवज में हाजिर हो गए और फिर जो दौर चला भोजन का तो मानो किसी पंगत में बुलाये गये जजमान की तरह सैकड़ों बंदर एक ही पंती में नजर आये।

हनुमान जयंती पर सरपंच ने बंदरों को कराई गई दस किलो चने की दावत, सरपंच के गाड़ी की आवाज सुनते ही जमा हो जाते हैं सैकड़ों बंदर | New India Times

सरपंच संतोष पूरे 10 किलो चने स्पेशली बन्दरों को हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में लेकर घर से निकले थे जिनकी दावत भी सभी बानरों ने कुबूल की। संतोष यादव का बंदरों से यह दोस्ताना नया नहीं है, वे अक्सर यहाँ से आते जाते कुछ ना कुछ साथ लाते और वानरों को खिलाते इसलिए इनकी गाड़ी की और गाड़ी के हॉर्न की आवाज पहचानते हैं जिसे सुनते ही पल भर में उनको घेर लेते हैं। जब हनुमान जयंती पड़ी तो संतोष यादव ने मंदिर ना जाकर अपने साथी बंदरों के बीच ही जयंती का जश्न मनाया। सड़क किनारे जब आते जाते लोगों ने ये अनोखी पंगत देखी तो सब देखकर हैरत में पड़ गए कि एक शख्स के बुलावे पर इतनी भारी तादाद में बंदरों के आ जाना अपने आप में कौतूहल का विषय था। राह से गुजरने वाला हर एक शख्स इन दृश्यों को अपने मोबाइल में कैद करता देखा गया। कहते हैं कि कलयुग में हनुमान जी बानर के रुप में आज भी धरती पर हैं और उनका एक अंश बन्दरों में बना हुआ है इसलिए हनुमान जंयती के अवसर पर सुबह से ही आम आदमी बंदरों के दर्शन के लिए घूमता रहता है। देखने वाली बात तो ये रही कि जहां राहगीरों को देखकर जो बन्दर जंगल में छुप जाते हैं वही सब एक कतार में बैठकर भोजन करते दिखे जिसे देख दर्जनों राहगीरों ने रुक कर उनको नमन किया।


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