ग्वालियर कलेक्टर ने 425 करोड़ जुर्माना न चुकाने पर 23 खदानें की बंद | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

ग्वालियर कलेक्टर ने 425 करोड़ जुर्माना न चुकाने पर 23 खदानें की बंद | New India Times

ग्वालियर जिला के बिलौआ में अपनी हद से बाहर जाकर सरकारी जमीन पर अवैध खनन करने वाले 23 खदान संचालकों को आवंटित खदानों पर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। ये खदानें भाजपा, कांग्रेस नेताओं समेत शहर के प्रमुख रसूखदारों की हैं। इन खदान लीजधारकों ने कई लाख घनमीटर पत्थर का अवैध खनन किया था। यह प्रकरण सितंबर 2017 से कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है।
तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने इन लोगों पर खनिज नियम के अनुसार 425 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था और यह प्रकरण सितंबर 2017 से कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है। गुरूवार को इस मामले में सुनवाई थी लेकिन खदान संचालकों द्वारा इस मामले में अपेक्षित जानकारी न देकर सिर्फ इन्हें लंबित रखने का प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने आदेश जारी किए हैं कि इन 23 खदानों से सटी शासकीय व निजी भूमि पर भारी मात्रा में अवैध खनन किया गया है।

तत्कालीन खनिज अधिकारी मनीष को भी नोटिस जारी
पक्षकार और उनके अभिभाषक प्रकरणों को लंबित रखने के लिए सुनवाई पर तारीखें बढ़वाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे अभियोजन की कार्यवाही प्रभवित हो रही है इसलिए 23 खदानों में खनन, परिवहन और क्रेशर संचालन पर आगामी आदेश तक रोक लगाई गई है। वहीं कलेक्टर ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए रूचि न लेने पर तत्कालीन खनिज अधिकारी मनीष पालेवार को भी नोटिस जारी किया है।

इनकी खदानों पर लगाई गई रोक

मुनेंद्र मंगल, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, राजेश नीखरा, सरदार सिंह गुर्जर, मनोरमा तोमर, वीरेंद्र सिंह, बच्चन सिंह, मनीष गुप्ता, केके जैन, मनोहर भल्ला, रामनिवास शर्मा, आरसी जैन, प्रतीक खंडेलवाल, अशोक यादव, एसपी जैन, राजीव लोचन शर्मा, विनीत यादव पत्नी दिवंगत उत्तम सिंह, वीरेंद्र गुप्ता, मनोहरलाल गुप्ता की खदानों पर कलेक्टर ने रोक लगाई है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading