अबरार अहमद खान, भोपाल (मप्र), NIT:
तहसील हुजूर एसडीएम राजकुमार खत्री की वकीलों के प्रति व्यवहार हमेशा से संतोषजनक नहीं रहा परन्तु आज उनके द्वारा अपने कक्ष में पुलिस वालों, मुलजिमों, उनके परिजनों की मौजूदगी में वकील नरेन्द्र रावत के पक्षकार को हिदायत दी की “तुम फ़ीस मत देना, वकील साहब तुम भी सुनलो मैं कई बार देखा है तुम पक्षकारों से मेरे कमरे के बाहर रूपये लेते हो”। इस बात पर वकील दिलीप बलवानी ने आपत्ति ली तो एसडीएम साहब भड़क गए और बोले यह वकील दिन में 10 बार मेरे पास आता है, मैं उससे कह रहा हूँ आप मत बोलिए। इस बात को सुनकर राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद अध्यक्ष सैयद ख़ालिद कैस ने एसडीएम श्री खत्री के बर्ताव पर आपत्ति करते हुए कहा कि आपको वकीलों की फ़ीस के मामले में नहीं बोलना चाहिए। सांय 6 बजे के बाद प्रतिबंधात्मक धारा 151 के प्रकरणों को श्री खत्री द्वारा अवैधानिक रूप से निराकरण करने पर पुनः श्री कैस से वाद विवाद हुआ। श्री खत्री जेल में बंद बुजुर्ग को छुड़ाने आई उसकी पुत्री से अनर्गल बात करने लगे तथा उसके पिता और पति को छोड़ने से इनकार करते हुऐ बोले अपने दोनों परिवार के 8/10 परिजनों को कल लेकर आना मुझे तुम पति पत्नि मानसिक रोगी लगते हो। श्री खत्री के इस बर्ताव पर जब वकील सैयद ख़ालिद कैस ने ऐतराज़ जताते हुऐ कहा कि आप जूडिशियल मजिस्ट्रेट नहीं हो, कार्यपालक मजिस्ट्रेट हो तथा आपके समक्ष 151 का मामला है उसी विधि पर बात कीजिए तो वह भड़क गए, बोले आप कौन, मैं केसे मान लू कि आप वकील हो, अगर मैं अपने विवेक का इस्तेमाल किया तो आप परेशानी में पड़ जाओगे और आपके कारण जनता परेशानी झेलेगी और आवेदन का निराकरण किए बिना वकीलों को कमरे से निकाल दिया और खुद ऑफ़िस से चले गए।
इस मामले में राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद कल ज़िला अधिवक्ता संघ सहित कमिशनर भोपाल संभाग और कलेक्टर भोपाल को एसडीएम श्री खत्री के दुर्व्यवहार और अधिवक्ताओं के साथ अपमानजनक बर्ताव की शिक़ायत करेगी साथ ही श्री खत्री के खिलाफ मुख्यमन्त्री और राजस्व मंत्री को शिक़ायत करेंगी।
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