रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ झाबुआ (मप्र), NIT:
थांदला सिद्धार्थ कांकरिया और राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग की टीम की सजगता से एक व्यक्ति की जान बच गई। झाबुआ जिले के थान्दला थाना पुलिस 108 एम्बुलेंस आपातकालीन दुर्घटना की टीम बड़ी ही सजगता से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है। बीती रात उन्होंने पेटलावद रोड़ पर एक्सीडेंट से हेड इंजर्ड व्यक्ति को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आये। जहाँ उन्होंने समाजसेवी पत्रकार सिद्धार्थ कांकरिया की मदद से उसका प्राथमिक उपचार करवाया लेकिन व्यक्ति की हालत इतनी गम्भीर थी कि वह कुछ भी बताने में अक्षम था जिसके चलते सिद्धार्थ कांकरिया ने उनके परिजनों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर से सम्पर्क साधा जिससे आयोग के पदाधिकारी नीरज सौलंकी, पंकज चौरड़िया आदि तुरन्त अस्पताल पहुँचे और घायल व्यक्ति के फोटो शोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल किये।
उधर घायल व्यक्ति के प्राथमिक उपचार के बाद उसे झाबूआ रेफर किया गया इसके लिए जब स्थानीय पुलिस से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने स्टाफ नही है ! कह कर पल्ला झाड़ लिया। एक बार फिर उनकी लापरवाही सामने आई जबकि उनकी इस लापरवाही से एक व्यक्ति की जान भी जा सकती थी लेकिन सिद्धार्थ कांकरिया से रहा नही गया और उन्होंने पवन नाहर की सहायता से तुरंत जिला पुलिस कप्तान विनीत जैन से सम्पर्क किया जिसके परिणाम स्वरूप पुलिस तत्काल हरकत में आई और उसे झाबूआ ले जाने को तैयार हुई। पूरी प्रक्रिया में पुलिस 108 एम्बुलेंस के डॉ. रवि शर्मा, पायलेट रामकुमार धाकड़ ने ही उस व्यक्ति को घटना स्थल से लाकर प्राथमिक उपचार करवाने के बाद उसे जिला अस्पताल झाबूआ मे भर्ती करवाया। इधर सुबह उनकी बहन ने शोशल मीडिया पर भाई की तस्वीर पहचान कर सम्पर्क किया और उसका पूरा परिचय दिया और बताया बीती रात से सुनील उर्फ गुड्डू थावरिया भाभर की तलाश कर रहे थे और पता चलने पर पूरी टीम को धन्यवाद दिया। फिलहाल व्यक्ति सुनील जिला अस्पताल में डॉ. सन्दीप ठाकुर की निगरानी में खतरे से बाहर बताया जा रहा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.