अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
दिल्ली स्थित जामीया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से शुरुआत करते हुये छात्र जनता दल के मार्फत आज भारतीय राजनीति में भाजपा के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों का मजबूत गठबंधन बनाने में सफलता की सीढियां चढ रहे जनता दल (सेक्यूलर) के मुख्य महासचिव कुवंर दानिस अली की कार्यशैली व विश्वसनीयता के आज भारत के बडे बडे राजनितिज्ञ कायल होने लगे हैं।
भारत की राजनीति मे भाजपा की जीत जब चरम पर थी एवं भाजपा नेताओं का घमंड सातवे आसमान पर था तब कुवंर दानिस अली ने दो अलग अलग दिशाओं की तरफ चलने वाले एक दूसरे के खिलाफ कड़वे शब्दो का उपयोग करते हुये एक दूसरे को कमजोर करने मे लगे होने के बावजूद कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद अकेले बहुमत नही पाने पर कांग्रेस व जनता दल का गठजोड़ बनाकर दोनो दलो की संयुक्त सरकार बना कर भाजपा की गाडी को ब्रैक लगाकर उसको उलटी दिशा मे मुड़ने पर मजबूर करने वाले कुवंर दानिस अली अचानक भारतीय राजनीति के पटल पर अवल सफ मे आ खड़े हुये थे।
कर्नाटक मे भाजपा सत्ता से दूर होने का गम अभी भूल भी नही पाई थी कि बर्फ जमाती सर्दी मे मुलत: यूपी के रहने वाले जनता दल सेक्यूलर के महासचिव व प्रवक्ता कुवंर दानिस अली ने अपनी कार्यकुशलता व विश्वसनीयता की ताकत के बल पर अलग अलग राह अपनाये समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के नेता पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार व पूर्व मुख्यमंत्री बहन मायावती के मध्य गठबंधन बनाने मे सेतु के रुप मे प्रमुख भूमिका निभाकर गर्माहट ला दी है। बहन मायावती व अखिलेश कुमार ने आपसी सहमति से अपनी पार्टी के लिये जीतने वाली सीटो की पहचान करके सीटों का बंटवारा करके साथ साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐहलान करके भाजपा के सामने मुश्किलों का पहाड़ खड़ा दिया है। जेडीएस नेता दानिस अली की समान विचारधारा वाले दलो मे गठबंधन करवाने की रफ्तार इसी तरह बढती रही तो दूसरे प्रांतो मे भी इसका असर चार माह बाद होने वाले लोकसभा चुनावों मे जरुर नजर आकर भाजपा की राहो मे कांटे बीछने का काम करेगा।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.