नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में राज्य सरकार द्वारा सुखा घोषित करने के बाद अब केंद्रीय अकाल समीक्षा की टीमें सुखे का जायजा ले रही हैं। इस टीम की किसानों के प्रति संवेदनाएं इतनी प्रभावी हैं कि कई गांवों में टीम के सदस्य रात के अंधेरे में भी अपना दायित्व निभा रहे हैं। जलगांव जिले के लगभग सभी तहसीलों में जाकर टीम में शामिल श्री आर डी देशपांडे, श्रीमती छबी झा, श्री ए के तिवारी, श्रीमती शालिनी सक्सेना ने सुखे का जायजा लिया। राज्य के जलसंपदा मंत्री श्री गिरीश महाजन के गृह निर्वाचन पहुंचे केंद्रीय पथक ने पिंपलगांव गोलाईत गांव में सूखे की समीक्षा वाली औपचारीकता को निभाया है।
सरकार का दीवाला निकल चुका है: संजय गरुड
इस दौरे को लेकर जामनेर तहसील से NCP नेता तथा पार्टी प्रदेश सदस्य श्री संजय गरुड ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर गली तक भाजपा की सरकार है, सुखाग्रस्तों को तत्काल राहत देने के बजाय केंद्र और राज्य सरकारों के समीक्षा दस्ते सुखे का जायजा ले रहे हैं जिसकी कोई आवश्यकता ही नहीं है। यह जनता से की जा रही मसखरी है। असल में राज्य सरकार की तिजोरी खाली है और सरकार का दीवाला निकल चुका है। मंदिरों के दानपात्रों से सरकार को पैसा उठाना पड रहा है। अकाल स्थिति में मवेशियों की चारा छावनियों को लेकर सरकार के मंत्री राम शिंदे के उस ताजा बयान की हम कडी निंदा करते है जिसमें उन्होंने किसानों से कहा कि चारा छावनियां नहीं लगेंगी, आप अपने मवेशी रिश्तेदारों को सौंप दें। वहीं दूसरी ओर सुबे के मंत्री गिरीश महाजन के मंत्रालय में 14 हजार करोड़ रुपया शेष है उसका विनियोग नहीं किया जा रहा है, जब कि निलवंडे डैम के निर्माण के लिए शिरडी संस्थान से सरकार द्वारा 500 करोड़ रुपये उधार लिये गये हैं। कुल मिलाकर अकाल स्थिति पर दीवालिया सरकार बस टाईमपास करना चाहती है।
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