फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ बहराइच (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बहराइच जिले का भ्रमण कई मायनों में आज ऐतिहासिक रहा। वे लगभग चार घण्टे जिले में रहे और ढाई घण्टे तक बराबर कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक करते रहे, इस दौरान जिले भर के लगभग ढाई से तीन सौ पत्रकार बैरिकेटिंग के बाहर कटघरे में मिलने की प्रतीक्षा में खड़े रहे। जिला प्रशासन ने न तो पत्रकारों को किसी तरह का कोई पास जारी किया और न बैठने के लिए कोई व्यवस्था की। घण्टों खड़े रहने के कारण काफी पत्रकार एक बूंद पानी के लिये तरसते रहे अन्ततः पत्रकारों का धैर्य टूटा और हो हल्ला मचाने के बाद मुख्यमंत्री के स्टाफ ने ये कहकर मामला शान्त कराया कि जाते समय गाड़ी में बैठे- बैठे ही वो दो टूक वार्ता कर लेंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज, धान क्रय केन्द्र, प्राइमरी विद्यालय का निरीक्षण किया। चर्चा के बावजूद वह जिला चिकित्सालय नही गए। यद्यपि यहां तीन बजे रात तक रंग रोगन का कार्य करा कर सीएमओ ऑफिस और जिला चिकित्सालय को सुसज्जित कराया गया था। कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने जिले के अधिकारियों की जमकर शिकायतें किये जाने की चर्चा है। इस बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष को भी बैठने के लिये आमन्त्रित नही किया गया। पूर्व सांसद एवं प्रदेश उपाध्यक्ष तथा लखीमपुर प्रभारी पदमसेन चौधरी तक मीटिंग स्थल के बाहर घण्टों टहलते नजर आए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा विधायक माधुरी वर्मा के पति पूर्व विधायक दिलीप वर्मा का प्रकरण भी रखा गया जिनके विरुद्ध प्रशासनिक अधिकारियों ने मार पीट और बदसलूकी आदि का मुकदमा दर्ज कराया है। इस प्रकरण में दिलीप वर्मा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है और वे सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। ये भी पता चला है कि इनके समर्थकों ने धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था जिसे पुलिस ने जबरन खत्म करा दिया और समर्थकों को अपने साथ नगर कोतवाली ले गयी।
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