मकसूद अली, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT;
यवतमाल शहर के डेहनकर ले आउट में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के घर घर जाकर MPJ के कार्यकर्ताओं ने व्यक्तिगत तथा समूह की जानकारी लेते हुए सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिती मालम की।
इस सर्वे का उद्देश्य यह है के नागरिकों को जमीनी सतह पर कितनी सुविधाएं उपलब्ध है तथा उनके जीवनमान को बेहतर बनाने के लिये कौन कौनसी सुविधाएं दी जानी चाहीये इसका संपूर्ण डेटा जमा करके सरकार के समक्ष रखा जाये ताकि इसका लाभ लाभार्थीयों को मिले। समुचे महाराष्ट्र में इस प्रकार का सर्वे किया जा रहा है।ज्ञात हो कि MPJ एक सामाजिक मूवमेंट है जो नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता है तथा पॉलिसी इंटरव्हेन्शन करके सरकार को बाध्य करता है कि आम नागरिकों को उनके लिये बनाई गयी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिये MPJ निवेदन, धरने आंदोलन तथा जनहित याचिका के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाने का कार्य पिछले 13 वर्षो से करता आ रहा है।
अभी भी कुछ PIL अदालत में चल रही हैं। हाल ही में अल्पसंख्याक समाज के विद्यार्थीयों को शिष्यवृत्ती की रकम नहीं देने पर MPJ द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सूनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित छात्र- छात्राओं की जानकारी मांगकर उन्हें शिष्यवृत्ती की राशी देने के निर्देश महाराष्ट्र सरकार को दिये हैं।
उक्त अवसर पर यवतमाल शहेर अध्यक्ष वसीम खान (रजा), उपाध्यक्ष नदीम पटेल सर, सचिव मुजाहिद सर, सामाजिक कार्यकर्ता चांद भाई, कोषाध्यक्ष शोएब साहिर, MPJ ऑफिस ब्वॉय अजित बोरकर तथा जिलाध्यक्ष प्रा. सैय्यद मोहसिन मौजुद थे।
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