बालकृष्ण/अतिश दीपंकर, भागलपुर/पटना (बिहार) NIT; बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव एन.टी.पी.सी. इन दिनों भू स्थापित क्षेत्रवासियों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण यह है कि एन.टी.पी.सी प्रबंधन ने कहलगांव क्षेत्र के किसानों का उपजाऊ जमीन यह कहकर अपने अधिकार क्षेत्र में लिया था कि इसके एवज में आपके परिवार के सदस्यों को ताप विद्युत केन्द्र परिसर में सेवाकार्य में लगाया जाएगा। कुछ लोगों को रोजगार मिला, लेकिनआज इतने वर्षों में किसानों से किए गए वायदे पर किसी प्रकार का प्रबंधन संज्ञान नहीं ले रहा है। अब किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, न तो फसल को उत्पादित कर पा रहे हैं न ही रोजगार एवं ठेकादारी का काम मिल रहा है। उनकी स्थिति दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। कई बार किसानों ने इस संबंध में एनटीपीसी महाप्रबंधक महोदय से इस विषय पर गुहार भी लगाई पर इनकी बातों को सुनने वाला कोई नहीं है, उसमें किसानों के ऊपर जले पर नमक तब छिड़का जा रहा है। उनकी जगह बड़े नामचीन सरुखेदार लोगों को ठेकादारी रोजगार दिया जाता है। इसी संदर्भ को उद्घाटित करने के लिए जिला पदाधिकारी भागलपुर के आदेश पर अनुमंडल पदाधिकारी कहलगांव, एन.टी.पी.सी.प्रबंधन के सदस्य और भूविस्थापित संघर्ष समिति के बीच आठ अप्रेल 2014 को आपसी वार्ता हुई, जिसमें पुन: किसानों ने विगत 5 अगस्त 2004 से लेकर अभी तक रखे गए मांगों को पुन: रखा।जिसमें किसानों को आश्वासन दिया गया कि अब एन.टी.पी.सी में किसी भी कार्य हेतु भूविस्थापित को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन उनकी पुरानी सोच फिर से उजागर हो रही है। एकबार फिर से रोजगार का अवसर न मिलने की स्थिति में संघर्ष समिति ने आन्दोलन करने का निर्णय लिया है। वही युवा जदयू के उपाध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह ने जनहित की सुविधा के लिए लिए गए फैसले पर कार्य करने के लिए मुख्य महाप्रबंधक को आवेदन किया है।
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